Bihar accident news : अंगीठी बनी काल ! अलाव के धुएं से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत, 3 गंभीर Bihar Weather : पूरे राज्य में 3 दिनों तक शीतलहर, इन जिलों में आज दिन भर छाया रहेगा घना कोहरा New Bus Service : नए साल से इस जिलें में भी दौड़ेंगी पिंक बसें, पटना समेत कई जिलों में महिला ड्राइवरों की भर्ती शुरू industrial area : बिहार के इस जिले की बदलेगी सूरत, 380 करोड़ रुपये से बनेगी तीन बाईपास और एक सड़क; जिले की बदलेगी सूरत Bihar police : 'सर हाय -हेल्लो कीजिए न...', वैशाली थाना परिसर में महिला डिजिटल क्रिएटर की रील शूटिंग; अब पूछा जा रहा यह सवाल Banka crime : नकाबपोश अपराधियों ने उप मुखिया पर चाकूबाजी कर लाखों रुपए लूटे, इलाके में मचा हडकंप Police Encounter : बिहार में सुबह -सुबह हुआ एनकाउंटर, पुलिस ने थावे मंदिर के मुकूट चोर ग्रुप में शामिल 'इस्माइल आलम' को मारी गोली; फिर ऐसे किया अरेस्ट Bihar tourism : पटना में नववर्ष पर पर्यटकों के लिए खुशखबरी, अवकाश के दिनों में भी खुला रहेगा बापू टावर संग्रहालय Bihar land documents : जमीन के कागजात के लिए नहीं लगाने होंगे दफ्तरों के चक्कर, शुरू हुई यह सेवा; मंत्री ने खुद दी जानकारी Bihar Property Registration : बिहार में जमीन निबंधन में फर्जीवाड़े पर लगेगा लगाम, जीआईएस मैपिंग से होगी पारदर्शी रजिस्ट्री
11-Aug-2023 09:27 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में हुए गर्भाशय घोटाला मामले में शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। जहां सरकार से हाईकोर्ट सवाल पूछेगी कि आखिर पीड़ितों को कंपनसेशन देने में देरी क्यों हो रही है। इसके साथ ही बिहार सरकार को इस मामले में कोर्ट को डेटा सौंपना है। ऐसे में अब सभी लोगों की नजरें पटना हाईकोर्ट के तरफ से इस मामले में होने वाली सुनवाई पर टिकी है।
दरअसल, वर्ष 2012 में मानवाधिकार आयोग के समक्ष गर्भाशय घोटाला लाया गया था। जिसके बाद 2017 वेटरन फोरम के द्वारा पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने के लिए गलत तरीके से बिहार के अलग-अलग अस्पतालों में डॉक्टर ने ऑपरेशन कर करीब 27 हजार महिलाओं का गर्भाशय निकाला लिया था
वहीं, इस मामले को याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि 27 हजार से अधिक महिलाओं का गर्भाशय महिला के बिना अनुमति के निकाल लिया गया था। ताकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का गलत फायदा उठाकर पैसे का उगाही कर सकें। इसमें डॉक्टर और बीमा कंपनी की मिलीभगत की बात सामने आई थी।इसे लेकर अधिवक्ता दीनू कुमार ने शामिल डॉक्टरों और अस्पतालों का लाइसेंस रद्द करने की मांग हाईकोर्ट से की थी।