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25-Sep-2024 07:49 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार के भू एवं राजस्व मंत्री वैसे तो बड़े -बड़े दावे करते हैं कि हमने जमीन सर्वे की शुरुआत कर भूमि विवाद को कम कर दिया है। इसके साथ ही वो यह भी दावा करते हैं कि अब जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज बड़े ही आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही वो जमीन से जुड़े सर्वें के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी कर रहे हैं। लेकिन, उनके यह तमाम बात "ढ़ाक के तीन पात" वाली नजर उस वक्त आने लगती है जब इसके जमीनी हकीकत की परखा जाता है।
दरअसल, सूबे के मंत्री और देश की सबसे बड़ी पार्टी के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष यह दावा करते हैं कि हमने जमीन के पुराने दस्तावेज को ऑनलाइन लाने की व्यवस्था कर दी है। लेकिन, शायद मंत्री जी को यह मालूम नहीं या फिर कभी जानने की कोशिश ही न की हो कि उनके नाक के नीचे क्या चल रहा है। या फिर यदि कान तक खबर पहुंची भी हो शायद यह कान झाड़ कर निकल गए हो। क्योंकि एक तरफ मंत्री जी दावा कर रहे हैं कि वो सारे दस्तावेज ऑनलाइन कर देंगे। दूसरी तरफ उनके ही विभाग में पुरानी फाइल गायब हो रही है।
बताया जाता है कि, बिहार के कई जिलों में जमीन रजिस्ट्री के पुराने दस्तावेज गायब होने की खबरें सामने आई हैं। पटना, बक्सर और भागलपुर में इस तरह की शिकायतें हर दिन सामने आ रही है। अब सवाल यह है कि जब दस्तावेज रहेगा ही नहीं यानी उनके ही विभाग से जुड़े ऑफिस से फाइल गायब होंगे तो मंत्री जो ऑनलाइन करेंगे क्या ?
मालूम हो कि, जमीन सर्वे का काम शुरू होने के कारण बड़ी संख्या में लोग निबंधन कार्यालयों में अपने जमीन की रजिस्टर्ड डीड की सत्यापित प्रति पाने के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें कई को महीनों बाद भी सत्यापित प्रति नहीं मिल पा रही है। इसके बाद भी मंत्री जी कहते हैं कि हम काफी तेजी से काम कर रहे हैं, अब इतनी तेजी से वह काम कर रहे हैं तो सवाल यह बनता है कि आखिर फिर एक महीने का समय क्यों लगता है और उसमें भी तय नहीं की आपका काम होगा या नहीं ?
इधर, फर्स्ट बिहार से इसको लेकर कुछ अधिकारियों से सवाल का जवाब लेना चाहा अभिलेखागार प्रबंधन का कहना है कि बहुत पुराने रिकार्ड बहुत जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। इनका इंडेक्स तक संधारित नहीं किया गया है। अभिलेखागारों की जिम्मेदारी संभाल रहे कई अवर निबंधकों ने जांच में पाया है कि पूर्व के कर्मियों ने सांठ-गांठ कर कई जमीनों के रिकार्ड भी हटा दिए हैं। अब मंत्री से सवाल है कि जब रिकॉर्ड है ही नहीं तो आप उसे वापस लाएंगे कैसे और इसको लेकर वह क्या करेंगे ?
आपको बताते चलें कि, बिहार सरकार के मंत्री यह भी दावा कर रहे हैं कि ई-निबंधन साफ्टवेयर की मदद से आमजन घर बैठे ऑनलाइन निबंधन आवेदन करने के साथ शुल्क भी जमा कर सकते हैं। भूमि की खरीद-बिक्री के लिए सिर्फ एक बार ही फोटो और फिंगर प्रिंट के लिए निबंधन कार्यालय आने की जरूरत पड़ेगी। लेकिन सवाल यह भी मंत्री से बरक़रार है की जब आपकी व्यवस्था ही दुरुस्त नहीं तो फिर आमजन आपके दावों पर कैसे विश्वास करें?