ब्रेकिंग न्यूज़

Diwali 2025: दिवाली पर मिठास के साथ जहर? जानिए किन मिठाइयों में होती है सबसे ज्यादा मिलावट Bihar Election 2025: फिर भी सिल गया कुर्ता और पक गई सियासी मिठाई, ‘छोटे सरकार’ के नामांकन की तैयारी पूरी पाकिस्तानी PM के सामने ट्रंप ने कर दी Narendra Modi की तारीफ, कहा "भारत महान देश, मेरे अच्छे दोस्त मोदी का काम शानदार.." रणजी ट्रॉफी में बिहार की ओर से धमाल मचाते नजर आएंगे Vaibhav Suryavanshi, मिली यह विशेष जिम्मेदारी Upcoming Releases: दिवाली वीक में फिल्मी तड़का, ओटीटी और सिनेमा घरों में होगा फुल ऑन एंटरटेनमेंट, जाने कब और कौन सी मूवी होगी रिलीज Bihar Election 2025: BJP के चाणक्य खुद उतरेंगे मैदान में, आखिर तीन दिनों तक क्यों करेंगे कैंप; अंदरखाने यह चर्चा तेज Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव फिर राघोपुर से आजमाएंगे किस्मत, इस दिन करेंगे नामांकन; महागठबंधन में सीट बंटवारे की घोषणा आज? Parlour Stroke Syndrome: सुंदरता की चाह में स्वास्थ्य से न हो समझौता Bihar Election 2025: RJD नेता ने इशारों ही इशारों में दिया अलग राह तलाशने के संकेत, कांग्रेस ने कहा - आंखों में पानी लेकर बुझाएं आग Bihar Weather: मानसून के जाते ही बिहार में ठंड की जोरदार एंट्री, इस बार टूटेगा कई दशकों का रिकॉर्ड

मंगल बाबू आपको इस बोझ का अहसास नहीं हो सकता, नीतीश जी आप भी देख लीजिए अपने घर की तस्वीर

मंगल बाबू आपको इस बोझ का अहसास नहीं हो सकता, नीतीश जी आप भी देख लीजिए अपने घर की तस्वीर

25-Jun-2019 12:41 PM

By 9

NALANDA: सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधारने के तमाम दावे. अस्पतालों की बेहतरी के लिए अनेक घोषणाएं. लेकिन हकीकत देखिए. तस्वीर सदर अस्पताल नालंदा की है. जो मानवता को झकझोरती हैं और सरकार की तमाम व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाती हैं. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि नालंदा जिला सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला है. हैरान करने वाली बात यह है कि यह जिला सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला है. एक शख्स अपने बेटे की लाश को कंधे पर उठाकर इधर- उधर घूमता रहा. अस्पताल प्रबंधन से बेटे की लाश को घर जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया कराने की गुहार लगाता रहा. लेकिन तमाम सरकारी दावों के बीच अस्पताल का हाल बेहद चौंकानाेवाली हैं. अस्पताल प्रबंधन ने शख्स को एंबुलेंस की सुविधा मुहैया नहीं करायी. जबकि किसी भी लाश को ले जाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस दिए जाने का प्रावधान है. न तो उस शख्स को अस्पताल प्रबंधन ने कोई सुविधा मुहैया करायी, और न ही कोई व्यवस्था की. आखिरकार यह पिता अपने बेटे के शव को अपने कंधे पर उठाकर उसे अंतिम यात्रा पर ले गया.