पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने
07-Jul-2022 10:48 AM
MUZAFFARPUR: आपने वेतन में देरी होने पर शिक्षकों का आक्रोश तो देखा होगा। कई बार वे हड़ताल तक पर उतर आते हैं। लेकिन मुजफ्फरपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी इस शिक्षक के फैन हो जाएंगे। नीतीश्वर काॅलेज में हिंदी के असिस्टेंट प्राेफेसर डाॅ. ललन कुमार ने अपने 2 साल 9 महीने की सैलरी यानी की 23 लाख रुपये लौटा दिए हैं। सुनकर आपको भी हैरानी होगी कि सैलरी आते ही ललन कुमार यूनिवर्सिटी जाकर सैलरी लौटा दी और कहा कि कॉलेज में 2 साल 9 महीने से मैंने एक भी छात्र को शिक्षा नहीं दी है।
कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर ने उन्हें सैलरी लेने के लिए काफी समझाया-बुझाया, लेकिन ललन कुमार अपने फैसले पर अड़े थे। बताया जा रहा है कि नीतीश्वर कॉलेज में छात्र लगातार एब्सेंट रहे। इसको लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ललन कुमार ने अपनी सैलरी यूनिवर्सिटी को लौटा दी है। डाॅ. ललन ने मंगलवार काे इस राशि का चेक बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. आरके ठाकुर काे सौंपा ताे सभी चौंक गए। अंत में कुलसचिव को ये राशि लेनी पड़ी।
आपको बता दें कि डाॅ. ललन 24 सितंबर 2019 काे बहाल हुए थे। वरीयता में नीचे वाले शिक्षकाें काे पीजी में पोस्टिंग मिली, जबकि इन्हें नीतीश्वर काॅलेज दिया गया। यहां उन्हें यहां पढ़ाई का माहाैल नहीं दिखा ताे विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि उस काॅलेज में स्थानांतरित किया जाए, जहां एकेडमिक कार्य करने का माैका मिले। विश्वविद्यालय ने इस दाैरान 6 बार ट्रांसफर ऑर्डर निकाले, लेकिन डॉ. ललन का ट्रांसफर नहीं हुआ।