Bihar Politics: राजद का नया चुनावी दांव, युवाओं पर फोकस, कट सकते हैं कई उम्रदराज नेताओं के टिकट ! Bihar Crime News: बिहार में युवती की गला रेतकर हत्या, माँ घायल.. Success Story: कम हाइट और ऊंचे हौसले! पहली कोशिश में UPSC पास कर बनीं IAS अधिकारी, जानिए... आरती डोगरा की प्रेरक कहानी Bhagalpur News: भागलपुर में इस फ्लाईओवर का अब तेजी से होगा निर्माण, रेलवे ने जारी की NOC Bihar News: बिहार में यहाँ ₹101 करोड़ खर्च कर होगा सड़क निर्माण, टेंडर जारी Road Accident: गयाजी जा रहे श्रद्धालुओं की बस हादसे का शिकार, ट्रक से भिड़ंत में एक की मौत; कई घायल BIHAR NEWS : गांधी मैदान थाना उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपी को पटना पुलिस ने मुंबई से पकड़ा, पूछताक्ष जारी Bihar News: बिहार चुनाव से पहले DM-SP बढ़ गई जिम्मेदारी, हर जिले के संवेदनशील इलाकों की पहचान में जुटा प्रशासन Patna News: गांधी मैदान में रावण वध के लिए सुरक्षा टाइट, 128 सीसीटीवी और 13 वाच टावर से होगी निगरानी Bihar News: तेजस्वी यादव समेत चार नेताओं पर FIR, "माई-बहिन मान योजना" के नाम पर महिलाओं से ठगी का आरोप
11-May-2023 12:36 PM
By First Bihar
DESK : सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरूवार को पांच जजों की संविधान पीठ ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच चल रही विवाद पर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र, संघीय ढांचा संविधान की मूलभूत संरचना का हिस्सा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम 2019 में जस्टिस अशोक भूषण के फैसले से सहमत नहीं है। जस्टिस भूषण ने 2019 में पूरी तरह केंद्र के पक्ष में फैसला दिया था।
दरअसल, पांच जजों की संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल रहे। इस पीठ ने प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला दिया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुआ कहा कि, दिल्ली विधानसभा के सदस्य, दूसरी विधानसभाओं की तरह सीधे लोगों की तरफ से चुने जाते हैं। लोकतंत्र और संघीय ढांचे के सम्मान को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 239AA दिल्ली विधानसभा को कई शक्तियां देता है, लेकिन केंद्र के साथ संतुलन बनाया गया है। संसद को भी दिल्ली के मामलों में शक्ति हासिल है।
इसके आगे चीफ जस्टिस ने कहा कि सर्विसेस दिल्ली सरकार के नियंत्रण में हों। विधानसभा को कानून बनने का अधिकार है। राज्यपाल को सरकार सलाह माननी चाहिए। एलजी सरकार की सलाह और परामर्श से काम करे। कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा कि, अधिकारियों की तैनाती और ताबदले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेगा। उपराज्यपाल की कार्यकारी शक्ति उन मामलों पर है जो विधानसभा के दायरे में नहीं आते। लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को शक्ति मिलनी चाहिए। अगर राज्य सरकार को अपनी सेवा में तैनात अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होगा तो वो उनकी बात नहीं सुनेंगे। यह बात ध्यान देने की है कि दिल्ली सरकार ने भी कोर्ट में यही दलील दी थी।
आपको बताते चलें कि, दिल्ली विधानसभा के पास पुलिस, कानून व्यवस्था और भूमि के मामले में अधिकार नहीं है। यानी इन मामलों को छोड़कर अन्य विभागों के अधिकारियों पर दिल्ली सरकार को नियंत्रण हासिल होगा।