ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार व्यवसायी से 5 लाख की लूट, फ़िल्मी अंदाज में दिया गया वारदात को अंजाम Bihar Crime News: भतीजी की शादी से पहले चाचा की मौत, संदिग्ध अवस्था में शव बरामद Bihar News: बारिश के बाद भी खुले रहेंगे बालू घाट! बालू माफियाओं की खैर नहीं, डिप्टी सीएम ने किया बड़ा ऐलान Bullet train in Bihar: बिहार के इस जिले से गुजरेगी बुलेट ट्रेन, जमीन अधिग्रहण को लेकर आई बड़ी अपडेट PK Sahu Bsf jawan: सीमा पार कर गए BSF जवान PK साहू पाकिस्तान से लौटे सुरक्षित, भारत ने भी पाक रेंजर को सौंपा Bihar News: पटना एयरपोर्ट पर शहीद रामबाबू को तेजस्वी की श्रद्धांजलि, कहा "सेना का कोई भी जवान हो, उसे मिले शहीद का दर्जा, अमित शाह को लिखूंगा चिट्ठी" CBSE 12th Result 2025 : गया की बेटी ने ने CBSE 12वीं कॉमर्स में 98.8% लाकर मचाया धमाल, बनी पटना रीजन की कॉमर्स टॉपर Alia Bhatt: सोशल मीडिया पर क्यों हो रही आलिया भट्ट की फजीहत, अभिनेत्री ने कान्स डेब्यू भी किया कैंसिल? Trump mediation India Pakistan Ceasefire: ट्रंप की दोबारा मध्यस्थता की कोशिश: बोले- भारत-पाकिस्तान साथ डिनर करें, भारत ने सख्ती से खारिज किया Anita Anand: गीता की शपथ ले कनाडा की पहली हिंदू महिला विदेश मंत्री बनी अनीता आनंद, किया बेहतर दुनिया का वादा

सीएम नीतीश ने कर दी बड़ी मांग, कहा - देश में बढ़ें 50% आरक्षण का लिमिटेशन

सीएम नीतीश ने कर दी बड़ी मांग, कहा - देश में बढ़ें 50% आरक्षण का लिमिटेशन

08-Nov-2022 02:56 PM

PATNA  : देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 % आरक्षण पर बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि देश में सवर्णों को मिलने वाला 10 % आरक्षण जारी रहेगा। जिसके बाद अब इस फैसले को लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा प्रतिकिरिया आनी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में अब इस फैसले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और  जदयू नेता नीतीश कुमार ने भी अपना विचार साझा किया है। 


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 10 % का आरक्षण पहले से ही हो गया था,हमलोगों ने भी इसका समर्थन किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको  लेकर फैसला कर दिया है। लेकिन, अब जो बाकी है वह है जाति आधारित जनगणना ठीक से हो जाए और दूसरी बात है कि जो आरक्षण का लिमिटेड है 50 %  उसमें पिछड़ा और अतिपिछड़ा को उसकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलता है, लेकिन ओबीसी को आबादी के हिसाब से आरक्षण नहीं मिल पाता है तो इसलिए जब वो 10 % हो गया तो अब जो 50 % का लिमिटेशन है उसमें बढ़ोतरी होना चाहिए। 


इसके आगे उन्होंने कहा कि हमने शुरू से ही आरक्षण को लेकर ही जाती आधारित जनगणना की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने पहल नहीं किया। नीतीश ने कहा कि इस मांग को लेकर कहा गया कि राज्य इसको अपने स्तर से देखें तो अब हमलोग इसको लेकर तैयारी शुरू कर दिए हैं। इससे एक - एक चीज़ ी जानकारी होगी ,इसके जरिए हर एक लोगों का आर्थिक स्तिथि की भी जानकारी मिल पाएगी। जिससे कोई भी जाती समाज से आने वाले लोगों का आर्थिक स्थिति को देखते हुए निर्णय लिया जा सकता है। 


गौरतलब हो कि, फ़िलहाल देश में आरक्षण का सीमा 50 % तय है। इंदिरा साहनी जजमेंट में आरक्षण की अधिकतम सीमा तय कर दी गई थी। ओबीसी को 27 फीसदी, एससी को 15 फीसदी और एसटी को 7.5 फीसदी आरक्षण मिला है। इसी कारण ईडब्ल्यूएस को चुनौती देने वाली याचिकाओं में इसका तर्क भी दिया गया था कि इस कोटे से 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन हो रहा है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कल यह निर्णय लिया कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण जारी रहेगा।