ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में JDU कार्यालय के बाहर मारपीट से मचा बवाल, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में BJP के 53 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला, दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में झोकी पूरी ताकत Bihar News: बिहार में इस पार्टी के लिए वोट जुटाने वाले को दबंग ने घर में घुसकर पीटा; बच्चों व महिलाओं को भी बनाया अपना शिकार Patna News: मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, इंदिरा आवास योजना से बना था घर Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार बनी चिंता का विषय Bihar Election 2025: क्या सीमांचल की 24 सीटें बदल देंगी बिहार की सियासत, दांव पर है नीतीश के मंत्री की किस्मत? Bihar Election 2025: कौन आएगा सत्ता में और किसकी पता होगा साफ? दूसरे चरण के मतदान से तय होगी बिहार की सियासत, जानें क्या हैं चुनावी समीकरण श्रेयसी सिंह के लिए जमुई में 10 किमी लंबा रोड शो, स्मृति ईरानी और अश्विनी चौबे रहे मौजूद बेतिया में विनय बिहारी को लड्डू से तौला गया, आम्रपाली दुबे-आनंद मोहन ने रोड शो कर मांगा वोट अपनी पत्नी से ज्यादा फाइलों से प्यार करते हैं अधिकारी, नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा..फाइलों को दबाकर ना रखें

चकबंदी के लिए बिहार में नई व्यवस्था, पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका खास होने वाली है

चकबंदी के लिए बिहार में नई व्यवस्था, पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका खास होने वाली है

03-Oct-2021 06:56 AM

PATNA : बिहार में चकबंदी लागू करने के लिए राज्य सरकार में अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग चकबंदी कानून में इसके लिए संशोधन कर रहा है। लेकिन अब इस कानून से जुड़ी जो नई जानकारी सामने आ रही है, वह इस बात का संकेत है कि चकबंदी में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका बड़ी होने वाली है। नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की चकबंदी में खास भूमिका होगी। अधिकारियों को अपने क्षेत्र की चकबंदी में इनकी सलाह माननी होगी। चकबंदी के लिए बनने वाली सलाहकार समितियों के ये पंचायत प्रतिनिधि पदेन सदस्य होंगे। कमेटी का गठन चकबंदी अधिकारी नहीं करेंगे। राजस्व व भूमि सुधार विभाग चकबंदी से जुड़े कानून में कई संशोधन करने जा रहा है। प्रस्ताव तैयार है, केवल सरकार की मंजूरी का इंतजार है। प्रस्ताव पर विधि विभाग की सहमति पहले ही मिल चुकी है।


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने चकबंदी कानून में संशोधन के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके मुताबिक गांव में सलाहकार समितियों का स्वरूप पहले से बदल जाएगा। पहले गांव की सलाहकार समितियों का गठन चकबंदी पदाधिकारी करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पहले चकबंदी अधिकारी की मर्जी से गांव के ग्रामीण समिति के सदस्य चुने जाते थे लेकिन संशोधन के बाद पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधि जैसे मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति के सदस्य ही अपने गांव की चकबंदी सलाहकार समितियों के सदस्य होंगे। चकबंदी में सलाहकार समिति की सलाह जरूरी होगी। 


हाल के दिनों में चकबंदी निदेशालय ने चकबंदी एक्ट में कई संशोधन किए हैं। इसके प्रस्ताव पर विधि विभाग की सहमति ली जा चुकी है। सभी संशोधन लागू होने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता को चकबन्दी के बाद नये बने चकों पर दखल-कब्जा दिलाने के काम में शामिल किया जाएगा। पहले यह सब काम चकबंदी अधिकारियों के जिम्मे होता था। इस काम में प्रशानिक अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों का कोई हस्तक्षेप नहीं होता था।