बिहार में दर्दनाक हादसा: आग तापने के दौरान दम घुटने से दादी-पोती की मौत, मां की हालत गंभीर बिहार में दर्दनाक हादसा: आग तापने के दौरान दम घुटने से दादी-पोती की मौत, मां की हालत गंभीर Traffic Plan: बिहार के इस जिले में कलर कोडिंग के साथ ऑटो का परिचालन शुरू, ट्रैफिक रूल तोड़ना पड़ेगा भारी Traffic Plan: बिहार के इस जिले में कलर कोडिंग के साथ ऑटो का परिचालन शुरू, ट्रैफिक रूल तोड़ना पड़ेगा भारी Bihar Crime News : ‘कानून’ के नाम पर लूट! खुद को थाना कर्मी बता दुकानदार से वसूली करते पकड़े गए युवक; ग्रामीणों ने सिखाया सबक बिहार में जानलेवा बनी ठंड: बच्चे की मौत से हड़कंप, जिला प्रशासन पर उठ रहे सवाल बिहार में जानलेवा बनी ठंड: बच्चे की मौत से हड़कंप, जिला प्रशासन पर उठ रहे सवाल MHA Notification BSF : केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, BSF कांस्टेबल भर्ती में 50% कोटा; MHA ने जारी किया नोटिफिकेशन Indian Railways: भारतीय रेलवे की नई पहल: ‘एक देश, एक रेलवे, एक पहचान पत्र’ से कर्मचारियों के लिए देगा यह डिजिटल सुविधा Bihar Board Document Verification: इस दिन से बिहार बोर्ड में दस्तावेज सत्यापन होगा केवल ऑनलाइन, अब ऑफलाइन आवेदन बंद
05-Apr-2024 07:52 AM
By First Bihar
DELHI : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 11वीं और 12वीं क्लास के एग्जाम फॉर्मेट में बदलाव का एलान किया है। यह बदलाव आने वाले सत्र 2024-25 से लागू होंगे। सीबीएसई ने कहा है कि इन क्लासेस के एग्जाम फॉर्मेट के तहत अब बड़े -बड़े अंसार लिखने के बदले कॉन्सेप्ट एप्लीकेशन प्रश्नों पर फोकस करेगी। इसकी मुख्य वजह स्टूडेंट्स में यह पता लगाना है कि वो असल जिंदगी में इन कॉन्सेप्ट को कितना समझ पा रहा है।
सीबीएसई के अधिकारियों की मानें तो बहु विकल्प प्रश्न (एमसीक्यू), मामले-आधारित प्रश्न, स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न या कॉन्सेप्ट एप्लीकेशन प्रश्नों का प्रतिशत 40 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि शॉर्ट और लॉन्ग उत्तर सहित अन्य प्रश्नों का प्रतिशत 40 से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। उम्मीद है कि इस कदम से स्टूडेंट्स के पढ़ाई करने के तरीके में एक बदलाव आएगा और वे रटकर याद करने से हटकर कॉन्सेप्ट की अधिक समझ की ओर बढ़ेंगे।
सीबीएसई के निदेशक जोसेफ इमैनुअल ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार बोर्ड ने स्कूलों में एफिशिएंसी आधारित शिक्षा के कार्यान्वयन की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें एफिशिएंसी के आधार पर मूल्यांकन और शिक्षकों और छात्रों के लिए अनुकरणीय संसाधनों का विकास शामिल है। उन्होंने कहा कि बोर्ड एक ऐसा शैक्षिक तंत्र बनाने पर मुख्य रूप से फोकस कर रहा है, जिसका उद्देश्य रटने के बजायय सीखने पर जोर देते हुए स्टूडेंट्स की क्रिएटिव सोच को विकसित करना है, ताकि वे 21वीं सदी की चुनौतियों से निपट सकें। उन्होंने कहा कि 9वीं और 10वीं की कक्षाओं के परीक्षा प्रारूप में कोई बदलाव नहीं किया गया है।