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CAA के खिलाफ गदर काटने वाले को BJP ने प्रत्याशी बनाकर पुरस्कृत किया, पार्टी के वफादार कार्यकर्ता मुंह देखते रह गये

CAA के खिलाफ गदर काटने वाले को BJP ने प्रत्याशी बनाकर पुरस्कृत किया, पार्टी के वफादार कार्यकर्ता मुंह देखते रह गये

12-Oct-2020 10:17 AM

PATNA: नरेंद्र मोदी-अमित शाह के CAA यानि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गदर काटने वाले को बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव में चुनावी टिकट देकर पुरस्कृत कर दिया है. पार्टी के वफादार कार्यकर्ता और नेता उबल रहे हैं लेकिन पार्टी ने रातों रात RJD के नेता को शामिल कराया और टिकट थमा दिया. मामला समस्तीपुर के उजियारपुर का है, जहां बीजेपी में विद्रोह हो गया है.

शील कुमार राय को बीजेपी का पुरस्कार

दरअसल बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में उजियारपुर विधानसभा सीट से शील कुमार राय को टिकट दिया है. शील कुमार राय आरजेडी के नेता थे. वे आरजेडी के टिकट से ही दलसिंहसराय से विधायक भी रह चुके हैं. समस्तीपुर बीजेपी के नेता-कार्यकर्ता बताते हैं कि शील कुमार राय ने विधायक रहते भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ जो जुल्म किये वो भूलने वाले नहीं हैं.

CAA के विरोध में गदर काटा था

आरजेडी नेता शील कुमार राय ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नागरिकता संशोधन कानून यानि CAA  के खिलाफ सबसे ज्यादा गदर काटा था. ये कहानी खुद बीजेपी के कार्यकर्ता सुना रहे हैं. शील कुमार राय की कई तस्वीरें भी वायरल हो रही है जिसमें वे सीएए-एनआरसी के खिलाफ आंदोलन करते दिख रहे हैं. लेकिन चुनाव की बात आयी तो बीजेपी सब भूल गयी. शील कुमार राय को चार दिन पहले बीजेपी में शामिल कराया गया और उजियारपुर से टिकट थमा दिया गया.

नित्यानंद राय से बीजेपी कार्यकर्ता नाराज

बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को इसके लिए जिम्मेवार करार दे रहे हैं. उनके मुताबिक पार्टी ने नित्यानंद राय की पसंद के सामने अपने नीति-सिद्धांतों को ताक पर रख दिया. उजियारपुर क्षेत्र में पार्टी के ऐसे कई नेता है जिन्होंने कई दशक से बीजेपी के लिए जी जान लगाकर काम किया है. लेकिन नित्यानंद राय को आरजेडी का नेता पसंद आया. 

शील कुमार राय को उम्मीदवार बनाये जाने के बाद बीजेपी में विद्रोह की स्थिति है. बीजेपी के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर मुखर हैं. कोई शील कुमार राय को नित्यानंद राय का संबंधी बता रहा है तो कोई कुछ और. लेकिन जिसे नित्यानंद राय ने पसंद किया हो उसके नाम पर पुनर्विचार होने की कोई संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आ रही.