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बीजेपी के बड़बोले विधायकों को संजय जायसवाल ने हड़काया, कहा.. बेलगाम बयानबाजी बर्दाश्त नहीं

बीजेपी के बड़बोले विधायकों को संजय जायसवाल ने हड़काया, कहा.. बेलगाम बयानबाजी बर्दाश्त नहीं

25-Feb-2022 02:08 PM

PATNA : बिहार में अपने ही बड़बोले विधायक के बयानों से भाजपा परेशान है. विधायक के बेलगाम बयानों से परेशान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने आज फेसबुक पोस्ट लिखकर नसीहत दे दी है. बिस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल लगातार एक संप्रदाय के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. संजय जायसवाल ने बचौल का नाम लिए बिना नसीहत दी है कि बोलने की आजादी की आड़ में बेलगाम बयान देना अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.


संजय जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि संविधान ने प्रत्येक भारतीय नागरिक को कई अधिकार दिए हैं, जिनमें ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ की गूंज आजकल सबसे अधिक सुनाई देती है. अभिव्यक्ति की आजादी यानी बोलने की स्वतंत्रता. स्वतंत्रता ताकत होती है, लेकिन ताकत के साथ जिम्मेवारियां भी साथ आती है. जिम्मेवारी के बिना ताकत को अराजकता में बदलने में देर नहीं लगती. लेकिन कुछ लोग संविधान प्रदत इस अधिकार का उपयोग के बजाए दुरूपयोग करने को ही अपनी श्रेष्ठता समझने लगे हैं. 


उन्होंने कहा कि बोलने की आजादी की आड़ में बेलगाम बयान देना फैशन सा हो चला है. दुर्भाग्य से विपक्षी दलों द्वारा शुरू किये गये इस ट्रेंड के शिकार कुछ पक्षवाले भी हो गये हैं. इस स्थिति को विशेषकर भाजपा में किसी भी कीमत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर भारतवासी का अधिकार है, जिसे कोई छीन नहीं सकता. उसमें भी जब सत्ता में परिवारवादियों के बजाए मोदी सरकार हो तो यह बात नामुमकिन हो जाती है. जो सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास’ के मूलमंत्र पर काम कर रही हो, उसमें संविधान विरोधी कोई बात कहना खुद से अपनी बेइज्जती करवाने के बराबर है. 


जब आप जनप्रतिनिधि हों तो लोगों की आपसे अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं. संयम और शालीनता आपकी कथनी और करनी दोनों में झलकनी चाहिए. नहीं तो जिन ताकतों के विरोध में जनता ने आपको दायित्व दिया है, उनमें और आपमें कोई अंतर बाकि नहीं रह जाता. सच्चा राजनेता वही होता है जो जात, पात, धर्म, मजहब की उलझनों में खुद भी नहीं फंसता और समाज को भी इससे बाहर निकालने की क्षमता और मंशा दोनों रखता है. 


जो सरकार देश के संसाधनों पर एक ख़ास समुदाय का पहला हक बताती थी, उसके दिन बीत चुके हैं. जनता ने उनके हाथों से छीनकर अपार बहुमत के साथ मोदी सरकार के हाथों में देश की बागडोर सौंपी है. इसीलिए जनता और उनका कल्याण ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. भावावेश में भी किसी को भी अपने बयान से जनभावनाओं को आहत करने की छूट नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि यह देश सबका है और देश के हर नागरिक का इस पर बराबर का हक़ है. मोदी सरकार में लोगों का यह हक सौ प्रतिशत सुनिश्चित है इसीलिए लोगों की मोदी सरकार पर अगाध श्रद्धा है. अपने बयानों से मोदी सरकार और जनता के इस आपसी रिश्ते को कमज़ोर करने की चेष्टा कोई भी न करें.