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Bihar News: कचरे के ढेर में मिलीं लाखों की जीवन रक्षक दवाइयां, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग

Bihar News: कचरे के ढेर में मिलीं लाखों की जीवन रक्षक दवाइयां, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग

02-Nov-2024 08:45 PM

By Dhiraj Kumar Singh

JAMUI: जमुई में सड़क किनारे कचरे के ढेर में लाखों रूपये की जीवन रक्षक दवाईयां फेंके जाने का मामला सामने आया है। गरीबों को दी जाने वाली जीवन रक्षक दवाइयों का इस तरह कुड़े की तरह फेंका जाना स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल खड़ा रहा है। 


सरकार गरीबों को मुक्त इलाज के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भी उपलब्ध करा रही है लेकिन अस्पताल में तैनात डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण इसका लाभ गरीबों को नहीं मिल पाता है। कुपोषण के लिए इलाज के लिए सरकार लाखों रूपये की दवाइयां मरीजों को मुफ्त बांटती है। लेकिन लाखों की ये दवाइयां कूड़े के ढेर में पहुंच गयी है। बड़ी मात्रा में आयरन की गोलियां, कफ सिरफ को किसी ने कचरे में फेंक दिया है। 


कचरों में फेंकी गयी दवाइयों पर एक्सपायरी डेट अगले साल वर्ष 2025 अंकित है। मलयपुर- लक्ष्मीपुर मुख्य मार्ग पर नासरीचक स्थित नदी किनारे कचरे में सील पैक दवाइयों को फेंक दिया गया है। इसे लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं अब शुरू हो गई है। लोगों का कहना है कि बीमारी से हम मर रहे हैं और अस्पताल वाले दवाई देने के बजाय कचरा में फेंक रहे हैं। हम लोगों को अस्पताल के बाहर से दवाई महंगे दामों पर खरीदना पड़ता है लेकिन अस्पताल में जब भी जाते हैं कहा जाता है कि दवा ही नहीं है। जब अस्पताल में दवा नहीं है तब कचड़े के ढेर में इतनी मात्रा में दवा कहां से आ गया। जिसका उपयोग कुछ महीने किया जा सकता है। 


लोग आशंका जता रहे हैं कि उक्त दवाइयां आंगनबाड़ी की हो सकती है। बताया जाता है कि पिछले शनिवार ही कुपोषण से निजात को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवाई वितरण के लिए प्रदान किया गया था। अब मामले की सच्चाई जो हो लेकिन फेंकी गई दवाइयां कुपोषण से जंग के क्रियान्वयन के प्रति गंभीरता को सवालों के घेरे में खड़ी कर रही है। दो कार्टन और एक बोरा में उक्त दवाइयां फेंकी गयी हैं। गौरतलब है कि इसी साल जुलाई महीने में आजंन नदी के कुकुरझप डैम के नहर में बड़ी संख्या में आयरन की सिरप,गोलियां व विटामिन की दवाइयां फेंकी पाई गई थी।


इसे लेकर विभाग ने जांच कराने की बात कही थी लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस संबंध में जब सीडीपीओ के सरकारी मोबाइल नंबर पर बात करने की कोशिश की गई तो मोबाइल कवरेज एरिया से बाहर बताया। इस मामले में बरहट बीडीओ श्रवण कुमार पांडेय ने बताया कि यह गलत बात है। मैं खुद स्थल का मुआयना कर इसकी गंभीरता से जांच करूंगा। वही इस मामले में जमुई सिविल सर्जन डॉ सैयद नौशाद अहमद ने बताया कि पूरे मामले की जांच करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि कही यह मामला भी ठंडे बस्ते में तो नहीं चला जाएगा।