Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़ Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़
13-Nov-2024 03:13 PM
By SANT SAROJ
SUPAUL: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली किसी से छिपी नहीं हैं। राज्य सरकारें तो बदल जाती हैं लेकिन स्वास्थ्य महकमें में हालात नहीं बदलते और सरकारी के सभी दावे खोखले साबित हो जाते हैं। अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं जो बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख देतीं हैं बावजूद इसके बदहाली दूर होती नहीं दिख रही है। सुपौल से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एम्बुलेंस के अभाव में एक नवजात बच्चे की जान चली गई।
दरअसल, सुपौल के त्रिवेणीगंज में स्वास्थ्य व्यवस्था हासिये पर है, यहां मरीजों को सुविधा के नाम पर एक अदद एम्बुलेंस तक नहीं मिल पाता है। एम्बुलेंस के लिए जिम्मेदार लोग जरुरत पड़ने पर फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझते और एम्बुलेंस के अभाव में लोगों की जान चली जाती है। जदिया थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर वार्ड नंबर 2 से एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
बताया जा रहा है कि स्थानीय निवासी मोहम्मद मुजाहिर की 26 वर्षीय पत्नी कदीना खातून को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन अस्पताल लाने के लिए आशा कार्यकर्ता से संपर्क किया लेकिन उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिल सका। परिजनों का आरोप है कि एम्बुलेंस के लिए लागतार डायल 102 पर कॉल किए लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। डायल 102 पर लगातार रिंग के करने के 10 मिनट बाद फोन रिसीव होने के बाद कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
तक़रीबन आधा घंटे बाद डायल 102 कर्मी ने कॉल कर बताया कि आधा घंटा बाद पहुंचेंगे आपलोग रुकिए लेकिन प्रसव पीड़िता की प्रसव पीड़ा काफ़ी ज्यादा होने के कारण मरीज़ के परिजन उसे ई रिक्शा से लेकर त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के लिए निकले लेकिन बीच रास्ते में ही महिला ने ई-रिक्शा पर ही एक नवजात को जन्म दे दिया लेकिन नवजात को बचाया नहीं जा सका, उसकी मौत हो गई।
जिसके बाद परिजन उसे त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल लेकर आए। परिजनों ने बताया कि एम्बुलेंस ड्राइवर और डायल 102 कर्मी कोई रिस्पॉन्स नहीं लिए। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने भी पीड़िता को समय पर एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण नवजात की जन्म ई रिक्शा पर होने और नवजात के मौत हो जाने की बात कही है। ड्युटी पर मौजूद एएनएम ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि महिला जब अस्पताल आई तो प्रसव हो गया था और नवजात की मौत हो चुकी थी।