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                            21-Jul-2021 06:59 PM
PATNA : बिहार के सत्ताधारी कुनबे में उपर से भले ही शांति नजर आ रही हो, अंदर ही अंदर आग जोर से सुलग रही है. नीतीश कुमार के दिल से चुनाव हारने का दर्द नहीं जा रहा है औऱ जेडीयू ने एक बार फिर आधिकारिक तौर पर कहा कि चुनाव में जनता ने नहीं साजिशों ने हरा दिया है. जेडीयू ने अपने नेताओं को कहा है-जिन साजिशों ने चुनाव में हराया उससे सावधान रहिये, उससे सचेष्ट औऱ सावधान रह कर ही आगे का काम कीजिये.
बैठक में मिली साजिश की चेतावनी
दरअसल चार दिन पहले जेडीयू के राज्य पदाधिकारियों की बैठक हुई थी. बैठक में जेडीयू के तमाम पदाधिकारियों को टास्क मिला. चेतावनी औऱ नसीहत मिली. नीतीश कुमार ने खुद नहीं बोला हो पर उनके सबसे करीबी माने जाने वाले विजय चौधरी ने खुल कर चेतावनी और नसीहत दी. पहले जानिये बैठक में विजय चौधरी ने क्या कहा. 
जेडीयू की बैठक में विजय चौधरी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में अगर जेडीयू की हार हुई है तो उसके लिए साजिश जिम्मेवार है. ऐसी साजिश रची गयी जिससे जेडीयू का ये हाल हुआ. वर्ना जनता को नीतीश कुमार औऱ जेडीयू के साथ है. विजय चौधरी बोले-इतना काम करने के बाद भी अगर नीतीश कुमार को सीट नहीं आय़ी तो ये सिर्फ साजिश थी. उन्होंने जेडीयू के नेताओं को कहा-आगे काम करते समय इस साजिश का ख्याल रखियेगा. इससे सावधान औऱ सचेष्ट होकर ही अपना राजनीतिक अभियान चलाइयेगा. वर्ना फिर सब गड़बड़ हो जायेगा.
किसने रची साजिश
पहले ये समझिये कि विजय चौधरी कौन हैं. क्या उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिये. विजय चौधरी बिहार के मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार के सबसे करीबी सहयोगी हैं. गंभीर स्वभाव के हैं और बिना मतलब कभी बयानबाजी नहीं की. अक्सर नीतीश कुमार जिन बातों को खुद नहीं बोल पाते उसे विजय चौधरी से बुलवाते रहे हैं. पहले भी ऐसे वाकये सामने आय़े हैं.
अब अगर जेडीयू की बैठक में अपने नेताओं को विजय चौधरी साजिश से सावधान कर रहे हैं तो इसका मतलब यही निकलता है कि नीतीश कुमार उन्हें सावधान करवा रहे हैं. दूसरा ये कि साजिश किसने रची. जाहिर तौर पर साजिश रचने का आऱोप तेजस्वी यादव पर तो लग नहीं सकता. वे तो नीतीश कुमार को हराने की लड़ाई ही लड़ रहे थे. साजिश तो साथ का ही कोई व्यक्ति या पार्टी रच सकता है. जेडीयू अपने नेताओं को अगर साजिश से सावधान करा रहा है तो जाहिर है बिना नाम लिये बीजेपी की ही बात की जा रही है.
वैसे भी विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू की हर बैठक में बीजेपी को जी भर के कोसा गया. जेडीयू के कई नेताओं ने खुल कर कहा कि बीजेपी की साजिश के कारण उनकी हार हुई. पिछल रविवार को जब जेडीयू की बैठक हुई तो प्रदेश कमेटी में नये बने पदाधिकारियों को सबसे पहले उसी साजिश से सावधान किया गया. उन्हें राजद औऱ तेजस्वी के बजाय सहयोगी पार्टी की साजिश से सावधान किया गया.
जेडीयू की बैठक से फिर से ये साफ हुआ कि एनडीए में बाहर से जो शांति दिख रही है वह दिखावटी है. अंदर ही अंदर बहुत आग सुलग रही है. ये दीगर बात है कि जेडीयू औऱ बीजेपी दोनों पार्टियों को कोई दूसरा रास्ता नहीं मिल रहा है. नीतीश कुमार के पास कुर्सी पर बने रहने के लिए बीजेपी के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है. वहीं बीजेपी के पास भी किसी दूसरे जोड़ीदार का ठोस ऑप्शन नहीं है. लिहाजा गठबंधन तो चल रहा है लेकिन उसकी गांठें बेहद कमजोर है. देखना गोहा कमजोर गांठें कब तक गठजोड़ कायम रख पाती हैं.