अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bird Flu: बर्ड फ्लू के खतरे के बीच अंडा खाना कितना सेफ? जानिए... एक्सपर्ट की राय Bihar News: स्थगित हुई बिहार के इस विश्वविद्यालय की परीक्षा, नई तिथि को लेकर आया अहम अपडेट Bihar News: पैसे लेकर शराब तस्कर को छोड़ना दारोगा को पड़ा भारी, अब इतने वर्षों तक भुगतना होगा परिणाम Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Transport: बेतिया डीटीओ का ट्रांसफर...करप्शन में लिप्त 'महिला एमवीआई' अब भी कुर्सी पर ! 1.20 लाख की मासिक रिश्वतखोरी का ऑडियो लीक होने पर DM ने कराया था केस, परिवहन विभाग से निलंबन की थी सिफारिश Viral News: AI से प्यार, फिर डेट और अब शादी! महिला ने अपने चैटबॉट बॉयफ्रेंड से की सगाई, वायरल हुआ पोस्ट
25-May-2020 02:38 PM
By Dhiraj Kumar Singh
JAMUI:आज पूरा देश लॉकडाउन में जी रहा है। पूरा देश ही नहीं बल्कि विश्व के कई देश लॉकडाउन कर देश से कोरोना को भगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बिहार का में एक ऐसा गांव है जहां कोरोना को भगाने के लिए नहीं बल्कि भूतों को भगाने के लिए 'लॉकडाउन' किया जा रहा है।
आधुनिक युग में अंधविश्वास की बेड़ियां लोगों को मजबूती से जकड़े हुए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण बिहार के जमुई जिले के अमरथ गांव में देखने को मिल रहा है। आस्था और इलाज के नाम पर लोगों को जंजीरों से बांधकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
जमुई मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव में अंधविश्वास का काला खेल चल रहा है। इलाज के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसा दावा है कि अमरथ गांव स्थित सैयद अहमद खान गाजी की मजार पर भूत-पिचाश, चुड़ैल, डायन से पीड़ित या मानसिक संतुलन खो चुके लोगों का इलाज किया जाता है। जो भी यहां आता है वो ठीक होकर जाता है. दावा यह है कि जब डॉक्टरी दवाईयां काम नहीं करती, तब लोग यहां आते हैं।
मजार के प्रबंधक पीर बाबा हामिद खान ने बताया कि यहां बिहार ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों को लोग भी आते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी, एमपी, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लोग इलाज कराने आते हैं। हामिद की माने, तो लाखों की संख्या में लोग इलाज कराने आते हैं और ठीक हो कर जाते हैं।
यहां, आये लोगों का इलाज बड़े ही क्रूर तरीकों से होता है। यहां आने वाले पीड़ितों के उपचार के लिए सरसों तेल तथा पानी का प्रयोग किया जाता है। पीड़ितों को मजार परिसर में ही मोटी-मोटी जंजीरों और तालों से लॉक कर दिया जाता है। फिर उन्हें जानवरों की तरह पेड़ से बांधकर खाने-पीने की सामाग्री मुहैया करायी जाती है। इस दौरान पीड़ित चिल्लाते भी हैं लेकिन उन्हें सुनने वाला कोई नहीं होता।
वहीं सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. सैयद नौशाद अहमद ने इसे पूरी तरह अंधविश्वास बताया।उन्होंने बताया कि जहां अंधविश्वास होता है, वहां विज्ञान भी हार मान लेता है।लोग झाड़-फूड़ पर विश्वास करते हैं।लोगों को समझाना पड़ेगा कि ये एक तरह का मेंटल टॉर्चर है, अमानवीय कृत्य है।
विज्ञान के इस युग में जहां हम चांद और मंगल ग्रह पर बसने की सोच रहे हैं। ऐसे में इस मजार पर इलाज कर लोगों को सही करने का दावा अंधविश्वास को बढ़ावा देता नजर आता है। फर्स्ट बिहार झारखंड न्यूज़ चैनल ऐसे किसी भी अंधविश्वास का पुरजोर विरोध करता है। हम किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई भी उद्देश्य नहीं रखते हैं।