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23-Mar-2021 07:10 AM
PATNA : बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग यानी एनएच की बदहाल स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है। पटना हाईकोर्ट ने तय किया है कि वह राज्य के सभी एनएच के निर्माण और मरम्मती की निगरानी करेगा। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से कहा है कि सभी राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम और नंबर से अलग-अलग केस दर्ज करें। इस तरह 40 अलग-अलग याचिकाएं कोर्ट में दाखिल करने को कहा गया है।
सोमवार को इस मामले पर अहम सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में सभी राष्ट्रीय राजमार्ग का रोड मैप कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की है इसके पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एन एच ए आई के सीनियर वकील में राजमार्ग के निर्माण में होने वाली परेशानियों से कोर्ट को वाकिफ कराया था उनका कहना था कि ज्यादातर एनएच के निर्माण में भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या है जमीन अधिग्रहण का काम राज्य सरकार को करना है समय पर भूमि अधिग्रहण का काम पूरा नहीं होने के कारण निर्माण कार्य में देरी हो रही है।
वहीं राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि सरकार भूमि अधिग्रहण का काम जल्द से जल्द पूरा करने का काम करती है लेकिन भूमि मालिक के कोर्ट में चले आने के कारण मामला फंस जाता है। इसलिए ज्यादातर राजमार्ग का काम जमीन अधिग्रहण की समस्याओं के चलते रुक जाता है। हाईकोर्ट में चार एनएच के मसले पर पहले से ही सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट ने एक माह में भागलपुर से कहलगांव के बीच सड़क को चलने लायक बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। कोर्ट अब इस मामले पर अगली सुनवाई 25 मार्च को करेगा। बिहार में 5475 किलोमीटर एनएच की लंबाई है जिसमें कई जगहों पर निर्माण कार्य रुका पड़ा है और बदहाल सड़क के कारण लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं।