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28-May-2021 09:41 PM
PATNA : बिहार में जानलेवा बीमारी ब्लैक फंगस का कहर बदस्तूर जारी है. शुक्रवार को इस खतरनाक बीमारी से दो और लोगों की मौत हो गई. बताया जा है कि ब्लैक फंगस का इंफेक्शन दोनों मरीजों के दिमाग तक पहुंच गया था, जिसके कारण उनका दिमाग ऑपरेशन लायक भी नहीं बच पाया था. अंततः दोनों जिंदगी की जंग हार गए.
शुक्रवार को राजधानी पटना के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 11 नए मरीजों को भर्ती कराया गया. जबकि दो लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि आईजीआईएमएस भर्ती एक मरीज की मौत हुई जबकि दूसरे ने एम्स में इलाज के क्रम में दम तोड़ा. फंगस इनके दिमाग तक पहुंच चुका था इसलिए डॉक्टर इन्हें नहीं बचा पाएं.
पटना एम्स में शुक्रवार को तीन मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया. हालांकि आज चार मरीजों का ऑपरेशन होने वाला था लेकिन उनमें से एक मरीज में फंगस का इंफेक्शन नहीं होने की पुष्टि के बाद उसका ऑपरेशन नहीं किया गया. उधर एक मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी किया गया. आईजीआईएमएस में भर्ती मरीजों की संख्या 97 हो गई है.
गौरतलब हो कि ब्लैक फंगस का इलाज पटना के दो बडे सरकारी अस्पताल एम्स औऱ आईजीआईएमएस में हो रहा है. इसके साथ ही पीएमसीएच में भी इलाज शुरू किया गया है. अब तक तीनों अस्पतालों में कुल डेढ़ सौ से अधिक मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया है. इनमें सिर्फ लगभग आधा दर्जन ऐसे मरीज हैं जिन्हें पहले से डायबीटिज नहीं था. बाकी सभी मरीज ऐसे हैं, जिन्हें पहले से हाई शुगर की शिकायत रही है. जाहिर है डायबीटिज ब्लैक फंगस का प्रमुख कारण बन रहा है.
डॉक्टर बता रहे हैं कि कोरोना के मरीजों में अनियंत्रित डायबिटीज ही ब्लैक फंगस का सबसे बडा कारण बन कर सामने आ रहा है. आईजीआईएमएस के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा के मुताबिक ब्लैक फंगस का शिकार बनने के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिकांश मरीज ऐसे हैं जिनका शुगर लेवल अनियंत्रित था.
डॉ विभूति ने कहा कि डायबिटीज पीडित कई लोग सिर्फ सुबह में ब्लड शुगर टेस्ट कर संतुष्ट हो जाते हैं. वे देखते ही नहीं खाने के बाद शुगर कितना बढ़ा. खाने के बाद उनका शुगर कंट्रोल से बाहर हो जाता है. वैसे लोग भी बडी तादाद में ब्लैक फंगस के शिकार बने हैं. डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति अगर कोरोना संक्रमित होता है तो उसे बहुत सख्ती से अपने सुगर लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिये.