Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने बर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने बर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025 : पहले चरण के चुनाव प्रचार के आखिर दिन अमित शाह के बड़े वादे,कहा - डिफेंस कॉरिडोर, नई रेललाइन और रामायण सर्किट से बदलेगा बिहार का भविष्य Bihar Election 2025: ‘महाठगबंधन के आधे लोग जेल में हैं, आधे बेल पर’, शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘महाठगबंधन के आधे लोग जेल में हैं, आधे बेल पर’, शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हमला Success Story: “एक दिन तू अफसर बनेगी…”, 5 साल की उम्र में माता-पिता को खोया, फिर भी नहीं मानी हार; कड़ी मेहनत से बनीं IPS अधिकारी Bihar road accident : बिहार के रोहतास में दर्दनाक सड़क हादसा, ट्रेनी सिपाही और पिता की मौत Hak Movie 2025: कानूनी पचड़े में फंसी इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म ‘हक’, कोर्ट पहुंचा शाह बानो का परिवार Bihar Assembly Election 2025 : जानिए आज शाम 5 बजे से किन चीजों पर लग जाएगी रोक, साइलेंस पीरियड लागू होने के बाद आयोग इन चीजों पर रखती हैं सख्त निगरानी Patna News: PMCH में नए चर्म रोग और मेडिसिन वार्ड का उद्घाटन, मरीजों को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं
                    
                            23-Jul-2021 11:52 AM
PATNA: 23 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों की पिटाई मामले में कार्रवाई करते हुए दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने जहां इस कार्रवाई को आई वॉश बताया तो वही आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि यह कार्रवाई बड़े लोगों को बचाने की साजिश है। तो वही मांझी विधायक विजय शंकर दुबे का कहना है कि सरकार मामले की लीपापोती करना चाहती है।
विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों की पिटाई मामले पर कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस मानसून सत्र के दौरान इस मामले को सदन में रखेगी। विधायकों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस सदन में इस मामले को उठाएगी। विपक्षी विधायक दल की बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी। प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि इस मामले में बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गयी। सिर्फ दो पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर खानापूर्ति की गयी।
कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि विधानसभा में माननीय की पिटाई को पूरे देश और बिहार की जनता ने देखा है। इस दौरान पैरामिलिट्री फोर्स मंगाए गये थे। महिला विधायकों को घेर-घेर कर पीटा गया था। विधायकों को लात और जूते से मारा गया था। कांग्रेस और राजद के विधायक निशाने पर थे। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद सिर्फ दो सिपाही को ही सस्पेंड किया गया। चार महीने के बाद आया यह फैसला हमें स्वीकार नहीं है। माननीय सदस्यों के मान सम्मान की रक्षा होनी चाहिए। सदन में यदि कोई अशोभनीय आचरण करता है तो स्पीकर को यह हक है कि वे उन्हें सस्पेंड कर सकते है उनकी सदस्यता वापस ले सकते है। लेकिन इस तरह का फैसला कही से भी उचित नहीं है। छोटे पद पर है इसलिए सिपाहियों को सस्पेड किया गया जबकि बड़े अधिकारियों को छोड़ दिया गया है। यह आई वॉश नहीं तो और क्या है। इस मामले को कांग्रेस सदन में रखेगी।
आरजेडी नेता व प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने भी इसे लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों से मारपीट मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। आगामी सत्र से पहले विधायकों की सुरक्षा और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की गयी थी। विधानसभा अध्यक्ष ने बीते दिनों दो पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया है। राजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि दो कॉन्टेबल को बली का बकरा बनाया गया है। नीतीश कुमार के इशारे पर जिन पुलिस पदाधिकारियों ने इस घटना को अंजाम दिया है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
आरजेडी नेता व प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि अनिता देवी सहित कई महिलाओं के साथ भी बदसलुकी की गयी। बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। बिना अधिकारियों के निर्देश के कोई कॉन्स्टेबल क्या माननीय के साथ इस तरह का काम करेगा। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान जो घटना हुई है वो कही ना कही एक काला दिन के रुप में है। जिससे लोकतंत्र शर्मसार हुई है। इस मामले की जांच और कार्रवाई की जानी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष के दामन पर जो दाग लगी है। जब तक बड़े पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक वो दाग नहीं छूटेगा। इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। सिर्फ दो पुलिसकर्मी को ही निलंबित किया गया। पुलिसकर्मी को किसने निर्देशित किया। जिसने भी उन्हें निर्देश दिया उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?
माले विधायक मनोज मंजिल ने इसके लिए सीधे तौर पर सरकार पर हमला बोला है। मनोज मंजिल ने कहा कि बड़े लोगों को बचाने की साजिश है। इसके लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है। दो दर्जन विधायक पीटे गये इसके लिए डीजीपी, डीएम, एसपी व अन्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस घटना से बिहार के इतिहास में लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। यह कार्रवाई बड़ी मछली को बचाने की साजिश है। दो पुलिसकर्मी को सस्पेड किया गया और बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जनता के ज्वलंत सवालों को विपक्ष उठाए यह सरकार नहीं चाहती उल्टे विपक्ष पर कार्रवाई की जाती है। सदन में इस मामले को उठाया जाएगा। सदन के अंदर और बाहर इन बातों को रखेंगे क्यों कि यह लोकतंत्र की गरिमा का सवाल है। बिहार की जनता के चुने गये जन प्रतिनिधियों का सवाल है। रोजगार, अस्पताल और कोविड से जिनकी जाने गयी इस संबंध में सदन में हम सवाल पूछेंगे।
वही मांझी विधायक विजय शंकर दुबे ने कहा कि 24 से 30 जुलाई तक बिहार में मानसून सत्र है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मांझी विधायक ने कहा कि सरकार दो सिपाहियों पर कार्रवाई कर मामले की लीपापोती करना चाहती है यह नहीं होने देंगे। वरीय अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी यह बड़ा सवाल है। सरकार ने प्री प्लान के तहत विपक्षी विधायकों को टॉर्चर किया सदन के बाहर उन्हें पीटा। यही नहीं जबरन पुलिस बिल को पास भी कराया गया। यह सब सरकार की प्लानिंग का हिस्सा था। जिसका शिकार विधानसभा अध्यक्ष भी हुए। सदन में कोरोना से मौत, चिन्हित मरीजों के लिए मुआवजा,फसलों की क्षति का मामला, बेरोजगारी और महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे होगे। जिसे सदन में रखा जाएगा।
गौरतलब है कि 23 मार्च का दिन विधानसभा के इतिहास में काले दिन के रुप में दर्ज हुआ। राजद सहित सभी विपक्षी विधायक सदन में बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध कर रहे थे। हंगामे के कारण तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी । चौथी बार विधायकों ने सदन की कार्यवाही रोकने के लिए स्पीकर को उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया। इसके बाद पटना डीएम और एसएसपी सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। इस दौरान पुलिस और विधायकों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पुलिस ने नेताओं को खींच-खींचकर हटाया गया। कई राजद नेताओं को सदन से बाहर फेंका गया। लात जूते से विधायकों की पिटाई की गयी। अंत में महिला विधायक स्पीकर के आसन को घेर कर खड़ी हो गई उन्हें भी महिला पुलिस के द्वारा जबरन हटाया। इस दौरान सदन में भारी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गयी थी।