पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
12-May-2024 07:06 AM
DESK : बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार की सुबह छह बजे पूरे विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और 'बद्री विशाल लाल की जय' के नारों के साथ सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके साथ ही चारधाम यात्रा पूर्ण स्वरूप को प्राप्त कर ली है।
श्री बद्रीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ने इसकी सभी तैयारियां पूरी करते हुए मंदिर की 15 क्विंटल फूलों से भव्य सजावट की गई है। कपाट खुलने के मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन को लेकर तीर्थ यात्रियों में भारी उत्साह है।
गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को ही खोल दिए गए थे। इससे पहले शनिवार को भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व गरुड़ महाराज की डोली के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर से बदरीनाथ धाम पहुंच गई।
कपाट खुलने पर मुख्य पुजारी मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करेंगे और फिर वहां विराजमान माता लक्ष्मी के विग्रह को परिक्रमा स्थल स्थित लक्ष्मी मंदिर में विराजमान करेंगे। इसके बाद उद्धवजी व कुबेरजी गर्भगृह में विराजेंगे। सुबह छह बजे भगवान बदरी विशाल की चतुर्भुज मूर्ति से घृत कंबल को अलग कर अभिषेक के पश्चात उनके श्रृंगार दर्शन होंगे और संपूर्ण बदरी पंचायत उद्धवजी, कुबेरजी, नारदजी, नर और नारायण के दर्शन शुरू हो जाएंगे।
उधर, परंपरा के अनुसार जोशीमठ से 25 किमी दूर सुभांई गांव (तपोवन) में स्थित भविष्य बदरी धाम और उर्गम घाटी में स्थित बंशी नारायण के कपाट भी बदरीनाथ धाम के साथ ही खोले जाएंगे। इसी के साथ बदरीनाथ धाम मंदिर स्थित गणेशजी, घंटाकर्णजी, आदि केदारेश्वरजी, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर, माता मूर्ति मंदिर के कपाट भी खुल जाएंगे।