Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका Ayodhya Temple : प्राण प्रतिष्ठा से अलग होगा राम मंदिर निर्माण का पूर्णता समारोह,जानिए क्या है ख़ास तैयारी Bihar Election 2025: आरजेडी उम्मीदवार भाई वीरेंद्र की प्रचार गाड़ी जब्त, चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन Bihar Election 2025: आरजेडी उम्मीदवार भाई वीरेंद्र की प्रचार गाड़ी जब्त, चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन Bihar Elections : सहनी के लिए तेजस्वी ने अपने कैंडिडेट को पार्टी से निकाला, अब गौड़ा बौराम सीट पर किसे समर्थन देंगे लालू यादव हो गया क्लियर Bihar Election 2025: PM मोदी के कैमूर दौरे की तैयारी तेज, इस दिन विशाल जनसभा को करेंगे संबोधित
07-Mar-2021 09:29 AM
KATIHAR : बिहार सरकार भले ही विकास के लाख दावे करती हो लेकिन एक बार फिर से एक तस्वीर सामने निकलकर आई है जिसे देखने के बाद विकास की सारी सच्चाई पता लग जाएगी. यह तस्वीर कटिहार जिले के कुर्सेला थाना क्षेत्र की है जहां एक पिता अपने बेटे के शव को बोरे में बंद कर तीन किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर है. शव को ले जाने के लिए न ही एक एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई गई और न ही किसी ने सहानुभूति दिखाई. जब पिता को मदद मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दी तो उसने अपने बेटे के शव को बोरे में बंद कर दिया और पैदल ही निकल पड़ा.
दरअसल, भागलपुर जिला के गोपालपुर थाना क्षेत्र के तीनटंगा गांव में नदी पार करने के दौरान नीरू यादव का 13 वर्षीय पुत्र हरिओम यादव नाव से गिर गया था और वह लापता था. इस बाबत गोपालपुर थाना में भी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था. लेकिन पिता को खोजबीन के दौरान पता चला कि बेटे का शव पास के ही कटिहार जिले के कुर्सेला थाना क्षेत्र के खेरिया नदी के तट पर तैर रहा है. इसी सूचना पर पिता नीरू यादव जब घाट पर पहुंचे तो उन्हें बेटे का शव सड़ी-गली हालत और जानवरों से नुचा हुआ मिला. कपड़ों की वजह से पिता ने अपने बेटे के शव की पहचान की.
शव के अंतिम संस्कार के लिए भागलपुर लेकर जाना था लेकिन इसके लिए प्रशासन द्वारा एक एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं कराई गई. ऐसे में पिता ने अपने बेटे के शव को बोरे में बंद किया और तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर ले गए. परेशान पिता ने कहा कि करें तो क्या करें, किसी भी थाना पुलिस ने तो गाड़ी उपलब्ध करवायी और न कोई सहानुभूति दिखाई. अब इस सिस्टम से कितने देर तक गुहार लगाते. इसलिए मजबूरी में बच्चे के शव को इसी तरह लेकर आ गए. हालांकि मामले की जानकारी जब कटिहार अनुमंडल पुलिस अधिकारी को मिली तो उन्होंने इस मामले को लेकर जांच के आदेश दिए.