Bihar teacher News: बिहार के सरकारी शिक्षकों को नई साल से बड़ी राहत, HRMS अपडेट के बाद वेतन भुगतान जल्द Job Alert: ग्रेजुएट युवाओं के पास सरकारी बैंक में नौकरी पाने का मौका, वेतन 1 लाख से भी ज्यादा.. बिहार में नशे के काले कारोबार का खुलासा: पुलिस ने स्मैक तस्करी के बड़े नेटवर्क को किया बेनकाब, पति-पत्नी गिरफ्तार Khagaria-Purnia Four Lane Project: खगड़िया–पूर्णिया फोरलेन परियोजना को केन्द्र से मिली मंजूरी, जानें कब शुरु होगा निर्माण कार्य? Khagaria-Purnia Four Lane Project: खगड़िया–पूर्णिया फोरलेन परियोजना को केन्द्र से मिली मंजूरी, जानें कब शुरु होगा निर्माण कार्य? Train Reservation Chart Timing: रेल यात्रियों को बड़ी राहत, रेलवे ने बदल दिया यह पुराना नियम; जानिए.. Train Reservation Chart Timing: रेल यात्रियों को बड़ी राहत, रेलवे ने बदल दिया यह पुराना नियम; जानिए.. बिहार में फर्जीवाडे़ का बड़ा मामला! जन्म से पहले बच्ची का करा दिया करोड़ों का बीमा; लड़की की मौत बताकर किया 1.38 करोड़ का क्लेम बिहार पुलिस को खुली चुनौती: प्रसिद्ध थावे मंदिर में चोरी के बाद चोरों ने छपरा के प्राचीन धर्मनाथ मंदिर को बनाया निशाना बिहार पुलिस को खुली चुनौती: प्रसिद्ध थावे मंदिर में चोरी के बाद चोरों ने छपरा के प्राचीन धर्मनाथ मंदिर को बनाया निशाना
14-Dec-2023 08:56 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू हो गई है। इसमें वाम दल भी पीछे नहीं हैं। सीटों के बंटवारे के बिना ही वाम दलों ने अपनी तैयारी तेज करते हुए दावा जताना शुरू कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह भी हैकि विपक्षी महागठंधन में शामिल इन छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का इतिहास देखें तो इनकी कुछ जगहों पर स्थिति काफी अच्छी रही है।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन में शामिल बिहार की क्षेत्रीय पार्टी सीपीआई (माले) ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने की इक्छा जाहिर की है। हालांकि, इसको लेकर वो फिलहाल सेफ सीट की खोज में है। पार्टी का मानना है कि पूर्व में नवादा एवं भागलपुर से जीत मिली है और समस्तीपुर जिला के उजियारपुर में पिछले चुनाव में तीसरा स्थान मिला था। ऐसे में इन्हीं में से किसी एक पर चुनाव लड़ा जा सकता है।
वहीं, सीपीआई (ML)ने दो सीटों पर सघन तैयारी शुरू की है। ये सीट हैं- आरा और सिवान। जबकि सीपीआई बेगूसराय, बांका और मधुबनी में अपने पुराने और जिताऊ जनाधार की खोज में जुट गई है। सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने बताया कि मधुबनी में छह और बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में दो बार हमारे पार्टी के उम्मीदवारों की जीत हो चुकी है। इन सीटों पर कई बार हमारे उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे हैं। बांका के दो चुनावों में भाकपा को सम्मानजक वोट मिला था। इसलिए इन सीटों पर हमारे दावे का तार्किक आधार है।
आपको बताते चलें कि, सीपीआई (ML)नेआरा और सिवान लोकसभा क्षेत्रों में तैयारी कर रही है। आरा में 1989 में उसकी जीत हुई थी। उस समय इंडियन पीपुल्स फ्रंट के नाम से भाकपा माले चुनाव लड़ती थी। 2019 में आरा में माले उम्मीदवार राजू यादव को चार लाख 19 हजार वोट मिला था। इसी तरह सिवान भी उसका आधार क्षेत्र रहा है। सिवान में माले की कभी जीत नहीं हुई। लेकिन, तीन चुनावों में उसके उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे हैं। भाकपा माले और राजद के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव में भी समझौता हुआ था। भाकपा स्वतंत्र लड़ी थी। भाकपा का जदयू के साथ 2014 में चुनावी समझौता हुआ था। जदयू ने उसके लिए बेगूसराय और बांका की सीट छोड़ दी थी।