ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान बेगूसराय में 22 वर्षीया विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, कुछ महीने पहले यूपी में हुई थी शादी Bihar News: मोतिहारी में नदी से अज्ञात महिला का शव बरामद, गाँव में मचा हड़कंप Bihar Assembly Monsoon session: पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने स्पीकर को लिखा पत्र, विधानसभा सदस्यता बहाल करने की मांग Bihar Assembly Monsoon session: पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने स्पीकर को लिखा पत्र, विधानसभा सदस्यता बहाल करने की मांग Bihar News: तकरार के बाद प्यार ! विधान सभा में विपक्ष से भिड़ंत के बाद मैदान में साथ उतरे 'विजय' व 'अशोक' Bihar Crime News: भागलपुर में चचेरे भाइयों को चाकू से गोदा, आरोपी गिरफ्तार Bihar News: बिहार में 7.92 लाख छात्रों को इस तारीख तक मिलेंगी किताबें, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी Bihar Crime News: मर्डर केस में लापरवाही पड़ी भारी, बिहार के थानेदार समेत दो पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज

औरंगाबाद और भोजपुर में 2 पदाधिकारियों पर EOU की कार्रवाई, आय से अधिक संपत्ति का खुलासा

औरंगाबाद और भोजपुर में 2 पदाधिकारियों पर EOU की कार्रवाई, आय से अधिक संपत्ति का खुलासा

08-Mar-2022 10:14 PM

 DESK: औरंगाबाद में कल्याण शाखा के प्रधान लिपिक अमरेश राम और भोजपुर के सहार के पूर्व थानेदार आनंद कुमार सिंह पर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने भष्टाचार के आरोप में मंगलवार को एक साथ कार्रवाई की। आज दिनभर चली कार्रवाई में ईओयू को अवैध तरीके से कमाए गए चल-अचल संपत्ति का पता चला। प्रधान लिपिक की कमाई 95 लाख है लेकिन उनकी संपत्ति 1.21 करोड़ की मिली। वही पूर्व थानेदार की संपत्ति 60.70% अधिक पाई गई।  


ईओयू की कार्रवाई में अवैध तरीके से कमाए गए चल-अचल संपत्ति का पता चला। औरंगाबाद के प्रधान लिपिक अमरेश राम की संपत्ति सरकारी आमदनी से 127.68% ज्यादा पाई गयी। वही भोजपुर के सहार के पूर्व थानेदार आनंद कुमार सिंह की संपत्ति 60.70% अधिक मिली। इन पर यह आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए दोनों अवैध रूप से कमाई कर रहे थे। भ्रष्टाचार के जरिए इन दोनों ने अकूत संपत्ति अर्जित की गयी है। इन दोनों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई को लगातार शिकायतें मिल रही थी। मामले की जांच रिपोर्ट के बाद दोनों पर केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद टीम का गठन कर छापेमारी की गयी। 


जब ईओयू की टीम ने औरंगाबाद में छापेमारी की और समाज कल्याण शाखा में पोस्टेड प्रधान लिपिक अमरेश राम की कुंडली खंगाली तब पता चला कि 24 फरवरी 1988 को बिहार सरकार में उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी। तब ये मदनपुर ब्लॉक में नाजिर थे। इसके बाद प्रधान लिपिक बने। सरकारी नौकरी करते हुए इन्होंने अब तक 95 लाख रुपए सैलरी के रूप में कमाए। लेकिन इनके पास से 1 करोड़ 21 लाख 30 हजार 470 रुपए की संपत्ति मिली है। इसमें 85.58 लाख की अचल संपत्ति है। 


औरंगाबाद मेन शहर में उन्होंने घर बनाने पर 35 लाख रुपए खर्च किये थे। उनके बैंक अकाउंट से 22 लाख 98 हजार 320 रुपए मिले। इसके अलावा अलग-अलग तारीखों में 36 लाख 50 हजार रुपए भी जमा कराने का सबूत मिले।19.50 लाख रुपए की 5 गाड़ियों के भी वे ऑनर हैं। 15 जमीन और कई बैंक अकाउंट्स के डिटेल्स भी ईओयू को मिले हैं। बता दें कि ईओयू ने आज उनके सरकारी कार्यालय,ब्रह्मस्थान के पास स्थित आवास और जमहौर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के पुश्तैनी घर को भी खंगाला था।


अब बात भोजपुर में सहार के थानेदार रहे आनंद कुमार सिंह की करते है। आनंद कुमार बिहार पुलिस में 2009 बैच के सब इंस्पेक्टर हैं। पटना के बाढ़ के रहने वाले आनंद की पोस्टिंग औरंगाबाद और भोजपुर जिले में भी रही है। सहार में थानेदार रहते हुए इन्होंने बालू माफिया की खूब मदद की थी ऐसा आरोप है। कम समय की नौकरी में इनके पास से जो संपत्ति मिली है, उसे देखकर EOU के जांच अधिकारी भी हैरान हैं। पटना के परसा बाजार के रहिमपुर में 7.38 लाख में 15 धूर, नत्थुपुर में 6.57 लाख में 10 धूर, पटना के ही जलालपुर के अर्पणा कॉलानी में 27.35 लाख रुपए में एक कट्ठा जमीन खरीदा है।


वही पूर्व थानेदार ने जलालपुर की जमीन पर 26 लाख रुपए खर्च कर तीन मंजिला घर बना रखा है। इनके पास से 67.30 लाख की अचल तो 13.56 लाख की चल संपत्ति बरामद हुई है। EOU ने इनके पटना में रूपसपुर थाना के तहत अपर्णा कॉलोनी में रंजीत सिंह के मकान वाले किराए के घर और पटना के ही बाढ़ में सहरी गांव स्थित पुश्तैनी घर पर छापेमारी की है। इनके ठिकानों पर छापेमारी के लिए EOU ने STF और लोकल थाने की पुलिस की भी मदद ली है। बड़ी बात यह है कि आनंद कुमार सिंह जिस थाने की कमान संभाल रहे थे, उसी थाने में इनके ऊपर बालू माफिया का साथ देने के मामले में पहले भी एक FIR दर्ज है। यह एफआईआर 6 जून 2021 को भोजपुर के तत्कालीन SP राकेश दुबे के आदेश पर की गयी थी।