Bihar News: शराब के नशे में ड्राइवर ने रेलवे ट्रैक पर दौड़ाया ऑटो, वीडियो हुआ वायरल Bihar News: 18 जुलाई को PM मोदी का बिहार दौरा, विशाल जनसभा को करेंगे संबोधित Bihar News: ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनवाने के मामले में पटना से आगे यह जिला, लाभ उठाने वालों की संख्या 11 हजार पार Bihar Crime News: लूट कांड में गिरफ्तार दारोगा को वीआईपी ट्रीटमेंट, सहयोगी को लगी हथकड़ी; ASI को मिल रही विशेष सुविधा Bihar Crime News: लूट कांड में गिरफ्तार दारोगा को वीआईपी ट्रीटमेंट, सहयोगी को लगी हथकड़ी; ASI को मिल रही विशेष सुविधा Bihar Crime News: क्रिकेट टूर्नामेंट में विवाद के बाद चली गोली, 42 वर्षीय की मौत Bihar News: बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी, बॉयफ्रेंड के साथ पकड़ी गई दो बच्चों की मां; पति ने करा दी शादी Bihar News: बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी, बॉयफ्रेंड के साथ पकड़ी गई दो बच्चों की मां; पति ने करा दी शादी Bihar News: 'BJP को हराना है तो मैदान छोड़िए...', मनोज झा के इस बयान पर AIMIM ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, पिछली बार गिड़गिड़ाये थे, इस बार भी .... Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, मारपीट के बाद दबंगों ने घर मे लगाई आग; वीडियो वायरल
01-Oct-2020 08:55 PM
PATNA : केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे का मामला फंस गया है. चौबे जी के लिए अपने बेटे अर्जित शाश्वत चौबे को भागलपुर से टिकट दिलवा पाना बेहद मुश्किल हो गया है. पार्टी में विद्रोह की स्थिति है और नेतृत्व भी राजी होता नहीं दिख रहा है. हालांकि चौबे जी जी-तोड कोशिश करने में लगे हैं.
चौबे जी परेशान
बीजेपी के सूत्र बता रहे हैं कि अश्विनी चौबै इस दफे परेशान है. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने बेटे को टिकट दिलवा दिया था. लेकिन बीजेपी की परंपरागत सीट पर अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे 2015 का विधानसभा चुनाव हार गये थे. अश्विनी चौबे अपने बेटे को फिर से टिकट दिलाना चाह रहे हैं. लेकिन परिस्थितियां अनूकूल नहीं लग रही हैं.
पार्टी में विद्रोह की स्थिति
दरअसल अश्विनी चौबे के बेटे की दावेदारी को लेकर भागलपुर बीजेपी में विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. बीजेपी के कई नेताओं ने परिवारवाद के खिलाफ लगातार बैठक की है. अर्जित शाश्वत का विरोध कर रहे पार्टी नेताओं ने नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचायी है. उनका कहना है कि भागलपुर में बीजेपी के लिए दशकों काम करने वाले नेताओं की लंबी चौड़ी फौज है. फिर अश्विनी चौबे के बेटे को क्यों टिकट दिया जायेगा. पिता को पार्टी सांसद बनाये और फिर मंत्री का पद दे. उसके बाद बेटे को टिकट देने का कोई मतलब नहीं बनता है.
अश्विनी चौबे विरोधी नेता 2014 के विधानसभा उप चुनाव का भी जिक्र कर रहे हैं. उनका आरोप है कि 2014 में अश्विनी चौबे के सांसद बनने के बाद जब विधानसभा का उप चुनाव हुआ तो चौबे जी ने पार्टी से भीतरघात कर दिया. उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार नभय कुमार चौधरी का अंदर ही अंदर खूब विरोध किया. इसके कारण ही नभय चौधरी की हार हो गयी थी.
पार्टी नेतृत्व भी सहमत नहीं
बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व भी अश्विनी चौबे के बेटे को टिकट देने पर इस दफे सहमत नहीं है. नेतृत्व समझ रहा है कि अगर अर्जित शाश्वत को टिकट मिला तो फिर से पार्टी का कोई विद्रोही उम्मीदवार खड़ा होगा. ऐसे में 2015 का रिजल्ट दुहराया जा सकता है. दरअसल 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेता विजय साह निर्दलीय प्रत्याशी बनकर मैदान में उतर गये थे. विजय साह ने उतना वोट काट लिया जिससे अर्जित शाश्वत चुनाव हार गये.
हालांकि अश्विनी चौबे जी जान से बेटे को टिकट दिलाने की कोशिश में लगे हैं. वे नेतृत्व के सामने ये तर्क देने में लगे हैं कि पिछली दफे जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन था जिसके कारण भागलपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा की जीत हुई थी. लेकिन इस दफे जेडीयू बीजेपी के साथ है लिहाजा अगर अर्जित शाश्वत को टिकट मिला तो उनकी जीत तय है. चौबे जी पार्टी के कुछ नेताओं पर पिछले चुनाव में भीतरघात करने का भी आरोप लगा रहे हैं. लिहाजा ये देखना दिलचस्प होगा कि चौबे जी की बात सुनी जाती है या नहीं.