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अदालत में गिडगिड़ाये राजद विधायक-हुजूर पहला अपराध है, माफ कर दीजिये: नहीं माने जज साहब, सुना दी सजा

अदालत में गिडगिड़ाये राजद विधायक-हुजूर पहला अपराध है, माफ कर दीजिये: नहीं माने जज साहब, सुना दी सजा

05-Nov-2022 06:36 PM

GOPALGANJ: बिहार की एक कोर्ट ने राजद विधायक प्रेमशंकर यादव और पूर्व विधायक किरण राय समेत तीन लोगों को दोषी करार देते हुए उन्हें सजा सुनायी. उससे पहले अदालत में राजद विधायक ने जज के सामने गुहार लगायी-हुजूर पहला अपराध है, माफ कर दीजिये. लेकिन जज साहब नहीं माने. उन्होंने सजा सुना दी. लेकिन सजा ऐसी है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाइयेगा. 


विधायक को 200 रूपये जुर्माने की सजा

गोपालगंज में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने बैकुंठपुर के राजद विधायक प्रेमशंकर यादव, कटेया की पूर्व राजद विधायक किरण राय समेत तीन को सजा सुनायी. अदालत ने तीनों को 200-200 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. प्रेमशंकर यादव और किरण राय को आदर्श आचार संहिता और धारा-144 के उल्लंघन के मामले में दोषी पाया गया. लिहाजा उन्हें कोर्ट ने सजा सुनायी. सजा सुनाने से पहले कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया था. कस्टडी में लेकर उन्हें सजा सुनायी गयी. 


वैसे राजद विधायक ने कोर्ट में गुहार लगाकर सजा से बचने की पूरी कोशिश की. राजद विधायक प्रेमशंकर यादव ने जज के सामने गुहार लगाते हुए कहा- यह मेरा पहला अपराध है हुजूर. अब कभी इस तरह की किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होऊंगा. हमेशा कानून का पालन करेंगे. विधायक कह रहे थे कि उनके इस पहले अपराध पर कोर्ट सहानुभूतिपूर्वक विचार करे और उन्हें माफ कर दे. 


कम मिली सजा

हालांकि तीनों अभियुक्तों के खिलाफ पहले से कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. लिहाजा कोर्ट ने उन्हें काफी कम सजा सुनायी. उन्हें सिर्फ 200 रूपये का दंड देने की सजा सुनायी गयी. कोर्ट ने कहा कि लोकसेवक होने के बावजूद उन्होंने प्रशासन के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन किया. ऐसे में उन्हें पूरी तरह से माफ नहीं किया जा सकता.  इसके बाद विशेष न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने राजद विधायक प्रेमशंकर यादव, पूर्व राजद विधायक किरण राय और राजद नेता संजय उपाध्याय को आईपीसी की 188/34 के तहत दोषी पाते हुए 200-200 रुपये दंड की सजा सुनाई. 


तीन साल पुराना है मामला

विधायक प्रेमशंकर यादव, किरण राय और संजय उपाध्याय के खिलाफ ये मामला तीन साल पहले दर्ज किया गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तीनों के खिलाफ 22 अप्रैल 2019 को गोपालगंज नगर थाने में आदर्श आचार संहिता और धारा-144 के उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी की गई थी.  प्राथमिकी में इन तीनों के अलावा राजद के 20-25 दूसरे कार्यकर्ताओं को अभियुक्त बनाया गया था. प्रशासन द्वारा नियुक्त मजिस्ट्रेट और थावे के तत्कालीन अंचल पदाधिकारी गणेश झा ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा कर ये आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजद के प्रत्याशी सुरेंद्र महान के नामांकन में इन लोगों ने आदर्श आचार संहिता और धारा 144 का उल्लंघन किया है. नामांकन के दौरान पूर्व विधायक किरण राय, प्रेमशंकर यादव, संजय उपाध्याय एवं 20-25 अज्ञात लोग झंडा, बैनर लिए तथा ढोल-नगाड़ा बजाते हुए समाहरणालय के पास पहुंचे और ड्राप गेट से अंदर जाने की कोशिश करने लगे. इन लोगों ने जुलूस निकालने की कोई प्रशासनिक अनुमति नहीं ली थी. 


बाद में नगर थाने में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी. गोपालगंज नगर थाना की पुलिस ने 28 अगस्त 2019 को ही पूर्व विधायक किरण राय, प्रेमशंकर यादव, राजद कार्यकर्ता संजय उपाध्याय और 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ आरोपों को सत्य पाते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया था. तीन साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज तीनों को सजा सुनायी.