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20-Apr-2022 01:14 PM
DESK: करोड़ों रुपये के अवैध संपत्ति अर्जित करने वाले सरकारी अधिकारी पर अब तक कार्रवाई नहीं की गयी। जबकि छापेमारी के दौरान एसवीयू ने आय से अधिक संपत्ति का खुलासा भी किया था। ज्यादातर ऐसे मामले में निलंबन या अनुशासनिक कार्रवाई होती है लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उल्टे तीन महीने बाद ही मलाईदार पोस्टिंग कर दी गयी।
हम बात कर रहे हैं मोतिहारी के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश की जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। खुद स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने छापेमारी कर इस बात का खुलासा किया था। अब इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी को सौंपने जा रही है। बता दें कि पिछले साल एसवीयू ने अविनाश प्रकाश के ठिकानों पर छापेमारी की थी तभी करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्ति का खुलासा किया था।
ऐसे मामले में निलंबन या अनुशासनिक कार्रवाई की जाती है लेकिन मोतिहारी के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश पर इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उल्टे उन्हें बेगूसराय के मद्य निषेध अधीक्षक के पद पर तैनात कर दिया गया। छापेमारी के बाद यह उनकी दूसरी पोस्टिंग है। इससे पहले उनकी तैनाती पटना मद्य निषेध अधीक्षक के तौर पर हुई थी। अब एसवीयू इस मामले को ईडी को सौंपेंगी जिसके बाद यह पता किया जाएगा कि भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई के बाद भी अविनाश प्रकाश के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।
पटना, खगड़िया और मोतिहारी के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गयी थी। हालांकि कैश तो नहीं मिला लेकिन नोट गिनने की मशीन मिली थी। फुलवारीशरीफ के कुरकुरी इलाके में एक बीघा जमीन में मकान है जबकि खगड़िया में भी आलीशान मकान है वही पटना में एक फ्लैट खरीदने का एग्रीमेंट पेपर भी मिला था। एसवीयू ने जब इस मामले की जांच की तब पता चला कि आय से अधिक संपत्ति अविनाश ने अर्जित की है। वही अपने परिजनों और साथियों के जरिए कालेधन को सफेद बनाने का भी काम किया गया है।