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27-Oct-2023 07:27 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा टीचर बहाली परीक्षा का परिणाम और कट ऑफ जारी होने के बाद अब यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि आयोग के तरफ से पहले से जो तय आरक्षण था उसे हर विषय में क्यों नहीं लागू किया गया है। इसको लेकर इस परीक्षा में शामिल होने वाले टीचर स्टूडेंट लगातार सवाल उठा रहे हैं। इसको लेकर कई टीचर स्टूडेंट आयोग दफ्तर जाकर भी सवाल कर रहे हैं। लेकिन, उन्हें सही तरीके से जवाब नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में अब इन सवालों को लेकर आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सभी जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा है कि- जिन सब्जेक्ट में अभ्यर्थी नहीं थे उनमें आरक्षण नहीं लागू किया गया है।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा है कि - आरक्षण का लाभ उन कोटि के अभ्यर्थियों को दिया गया, जहां पर सीट से अधिक आवेदन आए थे। लेकिन कई कोटि में आवेदन ही सीट से कम आए। ऐसे कोटि में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है।
अतुल प्रसाद ने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी अभ्यर्थियों को दी। उन्होंने कहा कि टीआई-कटऑफ में एनए का मतलब है कि उस आरक्षण श्रेणी में कोई भी अभ्यर्थी उस श्रेणी में आरक्षण का लाभ उठाने के लिए नहीं बचा था। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि महिला एससी अभ्यर्थी का चयन पुरुष एससी के साथ हो जाता है और महिला अभ्यर्थी की आवश्यक संख्या पूरी हो जाती है, तो उन्हें एससी-एफ के तहत लाभ नहीं दिया जा सकता है।
आपको बता दें कि, बीपीएससी द्वारा गुरुवार को एक से 12वीं तक विषयवार कुल 43 विषयों का कटऑफ जारी किया गया। इसमें कई कोटि में एनए लिखा गया, इससे अभ्यर्थियों में भ्रम की स्थिति थी। इसी को लेकर बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर स्पष्ट किया है।
उधर,बीपीएससी कार्यालय के सामने गुरुवार को भी अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। इस दौरान अभ्यर्थी मेधा सूची में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे थे। इसके अलावा कंप्यूटर साइंस और सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थी भी रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगा नारेबाजी करते रहे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि 2023 के एसटीईटी अभ्यर्थियों को इसमें आवेदन करने की अनुमति नहीं थी, इसके बावजूद बड़ी संख्या में एसटीईटी 2023 के अभ्यर्थी को आवेदन करने का मौका दिया गया। हंगामा के दौरान सौ से 150 अभ्यर्थी मौजूद रहे।