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28-Jul-2021 03:11 PM
PATNA : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता होने और फिर लंबी बीमारी के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भले ही कमजोर दिख रहे हो लेकिन आज भी पॉलिटिकल मैनेजमेंट में उनका कोई जोड़ नहीं है. लालू यादव अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता बनाने में जुट गए हैं. यूपी इलेक्शन को लेकर लालू प्रसाद यादव से आज एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, सपा नेता रामगोपाल यादव के साथ-साथ कांग्रेस के सांसद अखिलेश सिंह ने मुलाकात की है.
आरजेडी सांसद और लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती के आवास पर यह तीनों नेता लालू से मुलाकात करने पहुंचे. दरअसल एनसीपी ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर मंगलवार को ही बड़ा ऐलान किया था. एनसीपी ने कहा था कि वह यूपी चुनाव में अलग से उम्मीदवार उतारेगी. इसके बाद समाजवादी पार्टी एक्शन में आई. समाजवादी पार्टी नहीं चाहती कि यूपी चुनाव में विपक्षी वोटों का बिखराव न हो. इसलिए शरद पवार और रामगोपाल यादव के साथ लालू यादव की बातचीत हुई है.
हालांकि इस मुलाकात के बाद कोई बयान सामने नहीं आया है. लेकिन जानकार सूत्रों की मानें तो लालू ने शरद पवार को इस बात के लिए तैयार करने का प्रयास किया है कि एनसीपी यूपी में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े. अगर जरूरी हो तो कुछ सीटें सपा गठबंधन से मिल जाए. वरना शरद पवार की पार्टी वहां विपक्षी वोटों का बिखराव करने से बचें.
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. महाराष्ट्र में सत्ता में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की एनसीपी अब उत्तर प्रदेश में अभी अपनी किस्मत आजमाएगी. एनसीपी इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकती है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव केके शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव ने एलान किया है कि समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर एनसीपी यूपी के चुनावी मैदान में कूदेगी.
कल केके शर्मा ने कहा था कि उत्तर प्रदेश का हाल बुरा है. इसे सुधारना होगा. यहां समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर हम चुनाव लड़ेंगे. इस बाबत सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी बात हो गई है और अब केवल सीटों का चयन होना है. उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने साफ कहा है कि उत्तर प्रदेश में एनसीपी को युवाओं, किसानों और महिलाओं की आवाज उठानी होगी क्योंकि वहां भाजपा सरकार लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रही है, जो भी आवाज उठा रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उसकी आवाज को दबाया जा रहा है.
यूपी में धर्म परिवर्तन कानून पर उन्होंने कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन करना गलत है पर यदि इच्छा से कोई धर्म परिवर्तन कर रहा है तो इसमें किसी को क्या आपत्ति है.