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Gym Workout: मसल्स बनाने के लिए घंटों जिम में पसीना बहाना नहीं, सही एक्सरसाइज और वर्कआउट प्लान है जरूरी; जानिए...

Gym Workout: बहुत से लोग मानते हैं कि जितनी ज़्यादा देर वे जिम में बिताएंगे, उतनी ही जल्दी उनके मसल्स विकसित होंगे। लेकिन Men's Health की एक रिसर्च इस धारणा को गलत साबित करती है। जानिए... डिटेल

Life Style

08-Sep-2025 03:47 PM

By First Bihar

Gym workout: बहुत से लोग मानते हैं कि जितनी ज़्यादा देर वे जिम में बिताएंगे, उतनी ही जल्दी उनके मसल्स विकसित होंगे। लेकिन Men's Health की एक रिसर्च इस धारणा को गलत साबित करती है। रिपोर्ट के अनुसार, मसल ग्रोथ (Hypertrophy) के लिए घंटों की मेहनत नहीं, बल्कि सही एक्सरसाइज और योजना की जरूरत होती है। दरअसल, मसल्स की ग्रोथ एक तरह का नंबर गेम है, जिसमें क्वॉलिटी और कंसिस्टेंसी, दोनों की भूमिका अहम होती है।


जो लोग मसल बिल्डिंग पर फोकस करते हैं, उनके लिए हर मसल ग्रुप के लिए हफ्ते में कम से कम तीन एक्सरसाइज करना जरूरी माना गया है। ये तीनों एक्सरसाइज एक सिंगल सेशन में की जा सकती हैं या पूरे हफ्ते में फुल-बॉडी ट्रेनिंग में बांटी जा सकती हैं। बड़े मसल ग्रुप जैसे कि पीठ और जांघों के लिए यह तरीका ज्यादा प्रभावी होता है, वहीं छोटे मसल ग्रुप्स जैसे बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और कंधों के लिए एक या दो एक्सरसाइज ही पर्याप्त हैं। Men's Health के फिटनेस डायरेक्टर एबनेज़र सैमुअल का मानना है कि एक मसल ग्रुप के लिए हफ्ते भर में कुल 10 से 20 सेट्स करना सबसे अच्छा रहता है। यह तीन से छह एक्सरसाइज के बराबर हो सकता है। इसके साथ ही, वजन और रेप्स का तालमेल सही बनाए रखना जरूरी है।


मसल ग्रोथ के लिए सही एक्सरसाइज का चुनाव आपकी पूरी फिटनेस को प्रभावित कर सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर वर्कआउट की शुरुआत एक कंपाउंड मूवमेंट से करनी चाहिए, जिससे मसल्स पूरी तरह एक्टिवेट हो सकें। उदाहरण के लिए, क्वाड्स के लिए बारबेल बैक स्क्वाट सबसे बेहतर मानी जाती है। इसके बाद, लेग प्रेस, फ्रंट स्क्वाट, या साइड स्क्वाट जैसे वैरिएशन शामिल करें। अंत में, बॉडीवेट एक्सरसाइज जैसे पिस्टल स्क्वाट भी करें, जिससे मसल कंट्रोल और स्टेबिलिटी बेहतर हो सके। शुरुआती लोग इन एक्सरसाइज को करते समय दीवार या किसी सपोर्ट का सहारा ले सकते हैं।


केवल कंसिस्टेंसी ही नहीं, वेरिएशन भी मसल ग्रोथ के लिए उतना ही जरूरी है। अलग-अलग एंगल और तकनीकों से मसल्स को टारगेट करने से वे नए तरीके से रिस्पॉन्ड करते हैं, जिससे ग्रोथ तेज होती है। इसके साथ ही वर्कआउट बोरिंग नहीं होता और आप लंबे समय तक मोटिवेटेड रह पाते हैं। इस तरह, एक स्ट्रक्चर्ड और स्मार्ट वर्कआउट प्लान के जरिए आप जिम में कम समय बिताकर भी शानदार रिजल्ट हासिल कर सकते हैं। जरूरी है कि आप अपने मसल्स की जरूरतों को समझें और उसी हिसाब से एक्सरसाइज को प्लान करें।