ब्रेकिंग न्यूज़

दरभंगा में 22 दिसंबर तक स्कूल बंद, कपकपाती ठंड को देखते हुए डीएम ने लिया फैसला बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: बेगूसराय में जमीन के लिए किसान को मारी गोली, हालत गंभीर सारण की अंजली कुशवाहा ने रचा इतिहास, प्रथम प्रयास में BSPHCL परीक्षा में बालिका वर्ग में सर्वोच्च स्थान सारण में आपसी विवाद में महिला पर हमला, इलाज के दौरान मौत, पति ने पट्टीदारों पर हत्या का लगाया आरोप BIHAR: चर्चित सजल अपहरण कांड का खुलासा, मास्टरमाइंड निकला साथ रहने वाला डॉक्टर बिहार की छात्राओं के लिए ‘साथी’ कार्यक्रम की शुरुआत, IIT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था BIHAR: छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर शराब तस्करों ने किया हमला, सब इंस्पेक्टर समेत 4 जवान घायल NMSRC-2025 सम्मेलन: शोध, अनुकूलनशीलता और दूरदर्शी सोच पर विशेषज्ञों का जोर बढ़ती ठंड के कारण 21 दिसंबर तक सभी स्कूल बंद, डीएम ने जारी किया आदेश Rajniti Prasad: पूर्व आरजेडी सांसद राजनीति प्रसाद का निधन, 79 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस

Life Style: क्या बुखार होते ही दवा लेनी चाहिए? जानिए... डॉक्टरों की राय और जरूरी सावधानियां

Life Style: बुखार एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसे सुनते ही ज़्यादातर लोग तुरंत दवा लेने की सोचने लगते हैं। खासकर पैरासिटामोल जैसी आम बुखार की गोलियां हल्का तापमान महसूस होते ही खा ली जाती हैं।

Life Style

20-Aug-2025 03:26 PM

By First Bihar

Life Style: बुखार एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसे सुनते ही ज़्यादातर लोग तुरंत दवा लेने की सोचने लगते हैं। खासकर पैरासिटामोल जैसी आम बुखार की गोलियां हल्का तापमान महसूस होते ही खा ली जाती हैं। लेकिन क्या हर बार बुखार आते ही दवा खाना सही है? विशेषज्ञों की राय कहती है नहीं।


दरअसल, बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर का एक नेचुरल अलार्म सिस्टम है, जो यह संकेत देता है कि शरीर के अंदर कोई संक्रमण, सूजन या गड़बड़ी हो रही है। यह हमारे इम्यून सिस्टम की एक प्रतिक्रिया है, जिससे शरीर बैक्टीरिया, वायरस या किसी अन्य संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है।


डॉक्टर्स का मानना है कि हल्के बुखार में तुरंत दवा लेना आवश्यक नहीं होता। यदि बुखार 100°F या 101°F तक है और मरीज को कोई ज्यादा तकलीफ नहीं है, तो आराम करना, पर्याप्त पानी पीना और शरीर को खुद संक्रमण से लड़ने का मौका देना बेहतर होता है। इससे इम्यून सिस्टम और भी मजबूत होता है।


हालांकि, यदि बुखार 102°F से ऊपर चला जाए, सिरदर्द, बदन दर्द या कमजोरी बढ़ जाए, तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवा लेना जरूरी हो जाता है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को बुखार अधिक गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है।


कब जरूरी है दवा लेना?

जब बुखार 101-102 डिग्री से ज्यादा हो जाए

अगर बुखार के साथ तेज सिरदर्द, बदन दर्द या कमजोरी हो

बच्चे, बुजुर्ग या पहले से बीमार व्यक्ति को तेज बुखार हो

बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ, उल्टी या चक्कर आने लगें

बुखार लगातार 2 दिन तक बना रहे


तुरंत दवा न लेने के भी कई फायदे है, जिसमें शरीर की प्राकृतिक इम्यूनिटी मजबूत होती है और इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। बिना जरूरत दवा खाने से बचाव होता है, जिससे लिवर और किडनी पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता। दवा प्रतिरोध (medicine resistance) का खतरा कम होता है। 


डॉक्टर से तुरंत संपर्क कब करें?

बच्चे को बुखार के साथ झटके (seizures) आएं

बुखार के साथ सांस फूलना या तेज खांसी हो

बुखार लगातार तीन दिन तक बना रहे

बुखार के साथ बेहोशी, भ्रम या सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई दें


बुखार एक सामान्य लक्षण जरूर है, लेकिन इसे हल्के में लेना या बिना जरूरत दवा खाना, दोनों ही गलत हो सकते हैं। हल्के बुखार में शरीर को आराम देना, पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना तथा कुछ समय तक निगरानी करना सबसे बेहतर तरीका है। लेकिन जब लक्षण गंभीर हों या बुखार लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करना ही सबसे सुरक्षित और समझदारी भरा कदम है।