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16-Aug-2025 01:33 PM
By First Bihar
Life Style: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में महिलाएं सिर्फ सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियां ही नहीं निभा रहीं, बल्कि उनका शरीर भी हर दिन कई आंतरिक बदलावों से गुजरता है। शरीर को हार्मोनल बैलेंस बनाए रखना होता है, हड्डियों को मज़बूती देनी होती है, मानसिक तनाव से लड़ना होता है और मां बनने की तैयारी तक करनी होती है। इसके अलावा मेनोपॉज के बाद शरीर में धीरे-धीरे होने वाले बदलावों का भी सामना करना पड़ता है। इन सबके बावजूद अगर महिला थकान, चिड़चिड़ापन, सूजन (इंफ्लेमेशन), पीरियड्स में दिक्कत या मानसिक तनाव महसूस करती है, तो इसका कारण कमजोरी नहीं बल्कि शरीर में गहराई तक पोषण की कमी हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, महिलाओं का शरीर अत्यंत पवित्र और संवेदनशील होता है, जिसे नियमित रूप से पोषण देना आवश्यक है। ऐसे में कुछ खास आयुर्वेदिक सुपरफूड्स हैं जिन्हें महिलाओं को अपनी रोजमर्रा की डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। ये न सिर्फ उन्हें अंदर से मज़बूत बनाते हैं बल्कि हार्मोन बैलेंस, स्किन-हेल्थ, मेंटल शांति और प्रजनन स्वास्थ्य तक को बेहतर करते हैं।
1. शतावरी
शतावरी को आयुर्वेद में महिलाओं का सर्वोत्तम टॉनिक माना गया है। यह हार्मोन बैलेंस बनाए रखने, मानसिक तनाव कम करने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। शतावरी शरीर को ठंडक प्रदान करता है, जो हैवी पीरियड्स, पेट में गर्मी या चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं में राहत देता है। इसे गर्म दूध के साथ रात में लेने की सलाह दी जाती है। यह महिला के शरीर को संतुलित रखने और यौवन को बनाए रखने में सहायक होता है।
2. काला तिल
काला तिल आयरन, कैल्शियम और हेल्दी फैट्स से भरपूर होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर में प्राकृतिक रूप से हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। खासकर डिलीवरी के बाद और मेनोपॉज़ के समय इसका सेवन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इसे भुने मसाले के रूप में चावल या सब्जियों के साथ खाया जा सकता है।
3. आंवला
आंवला को आयुर्वेद में "रसायन" की श्रेणी में रखा गया है। यह विटामिन C का बेहतरीन स्रोत है और बाल, त्वचा, इम्यून सिस्टम और पाचन के लिए अत्यंत फायदेमंद है। यह एक्ने और पिगमेंटेशन से जूझ रही स्किन के लिए रामबाण इलाज है। रोज़ सुबह एक चम्मच शक्कर के साथ आंवला जूस पीना बालों और त्वचा की समस्याओं को काफी हद तक दूर करता है।
4. रागी (मंडुआ)
रागी कैल्शियम, आयरन और अमीनो एसिड का समृद्ध स्रोत है, जो खासकर महिलाओं की हड्डियों को मज़बूती देने और अच्छी नींद लाने में मदद करता है। यह उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो मेनोपॉज़ की अवस्था में हैं या जिन्हें बोन डेन्सिटी की समस्या है। इसे रोटी, दलिया या बेक्ड स्नैक्स के रूप में सेवन किया जा सकता है।
5. घी
घी को आयुर्वेद में ‘सत्व’ कहा गया है, जो शरीर के ऊतकों को गहराई से पोषण देता है। यह पाचन को सुधारता है, शरीर की सूजन को कम करता है और ड्राई स्किन की समस्या में राहत देता है। साथ ही, यह स्ट्रेस और अनिद्रा में भी लाभकारी होता है। रात में गर्म दूध में जायफल और एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है और मानसिक थकावट दूर होती है।
आधुनिक जीवनशैली के दबाव और पोषण की कमी को संतुलित करने के लिए महिलाओं को आयुर्वेदिक जीवनशैली और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को अपनाना चाहिए। ऊपर बताए गए सुपरफूड्स को अगर महिलाएं अपने डेली रूटीन में शामिल करें, तो वे न सिर्फ स्वस्थ रहेंगी बल्कि भावनात्मक और हार्मोनल स्तर पर भी संतुलित बनी रहेंगी।