ब्रेकिंग न्यूज़

प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर हमला: "रेवंत रेड्डी के बयान पर स्पष्ट करें अपनी स्थिति, बिहारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं" जेपी सेतु पर बड़ा हादसा: टक्कर के बाद कार और वैन में लगी आग, दोनों गाड़ियां जलकर खाक पेट्रोल पंप कर्मी की ईमानदारी बनी मिसाल: बाइक सवार का 5 लाख रुपए से भरा बैग पुलिस को लौटाया पर्यावरण दिवस पर भाजपा नेता अजय सिंह ने किया वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प विश्व पर्यावरण दिवस पर संजीव मिश्रा ने की लोगों से अपील, कहा..बर्थडे और मैरिज एनिवर्सरी पर लगाये पौधे बिहार के भाजपा नेता के बयान से भड़के राहुल गांधी, कहा..क्या ऐसे लोग महिलाओं की सुरक्षा करेंगे? Bihar News: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने ट्रक में मारी जोरदार टक्कर, 6 लोग बुरी तरह से घायल Bihar News: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने ट्रक में मारी जोरदार टक्कर, 6 लोग बुरी तरह से घायल Bihar Politics: दरभंगा में दिखा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फनी मूड, डिप्टी सीएम को करा दिया खड़ा; बोले- डीएम कहां हैं जी? Bihar Politics: दरभंगा में दिखा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फनी मूड, डिप्टी सीएम को करा दिया खड़ा; बोले- डीएम कहां हैं जी?

voice recognition forensic India: अब अपराधियों की बदली हुई आवाज भी नहीं बचा पाएगी: धमकी, ब्लैकमेलिंग और वसूली में इस्तेमाल नई तकनीक से खुलेंगे राज

voice recognition forensic India: अब अपराधी आवाज या भाषा बदलकर नहीं बच सकेंगे। सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (CFSL) ने एक ऐसी अत्याधुनिक तकनीक विकसित की है, जो किसी भी व्यक्ति की बदली हुई आवाज को भी पहचान सकती है।

CFSL नई तकनीक, आवाज से अपराधी की पहचान, धमकी की जांच तकनीक, ब्लैकमेलिंग ऑडियो एनालिसिस, फॉरेंसिक ऑडियो टेस्ट, voice recognition forensic India, audio threat detection, CFSL new technology, cybercrime

02-Jun-2025 09:57 AM

By First Bihar

voice recognition forensic India: अब किडनैपिंग, ब्लैकमेलिंग, वसूली या किसी भी अपराध में धमकी देने वाले आरोपियों को आवाज बदलने से भी राहत नहीं मिलेगी। चाहे वे भाषा बदलें, स्क्रिप्ट बदलें या आवाज में फेरबदल करें, सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (CFSL) की नई ऑडियो और वीडियो एनालिसिस तकनीक उन्हें पकड़ लेगी। इस तकनीक को हाल ही में पेटेंट भी मिल गया है और इसकी सटीकता लगभग 99% तक है।


यह अत्याधुनिक तकनीक भारत के चीफ फॉरेंसिक ऑफिसर डॉ. एस.के. जैन, डॉ. शिवानी और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के डॉ. आर.एन. शर्मा द्वारा विकसित की गई है। इस ऑटोमैटिक सिस्टम को पहले एक प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन अब इसे देशभर की फॉरेंसिक लैब्स में लागू किया जा रहा है।


नई तकनीक की खासियतें:

अब अपराधी अगर आवाज बदलकर फोन पर धमकी भी दें, तो भी उन्हें ट्रैक किया जा सकता है। यह सॉफ्टवेयर 10 भारतीय भाषाओं (हिंदी, अंग्रेज़ी, पंजाबी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, कश्मीरी, मराठी और मणिपुरी) में काम करता है। केवल आवाज ही नहीं, यह सिस्टम यह भी पहचान सकता है कि रिकॉर्डिंग किस डिवाइस से की गई है। यदि रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ की गई है या उसमें जानबूझकर कुछ जोड़ा गया है, तो वह भी पकड़ में आ जाएगा।


IIT रुड़की और CFSL की साझेदारी:

CFSL ने IIT रुड़की के साथ मिलकर एक और सिस्टम विकसित किया है जो यह निर्धारित करता है कि कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग किस मोबाइल डिवाइस से हुई है। यदि किसी रिकॉर्डिंग में कई लोग मौजूद हैं, जैसे कि कॉन्फ्रेंस कॉल में, तब भी यह तकनीक स्पष्ट रूप से बता सकती है कि कौन-सी डिवाइस से कौन बोल रहा था।


कानूनी मामलों में उपयोग और प्रभाव:

इस तकनीक की मदद से अब चार्जशीट में ऑडियो-वीडियो फुटेज, कॉल रिकॉर्डिंग और डिजिटल सबूत मजबूती से पेश किए जा सकेंगे। ब्लैकमेलिंग, धमकी और साइबर अपराध के मामलों में यह तकनीक अब न्याय प्रक्रिया को अधिक सटीक, पारदर्शी और तेज़ बनाएगी। अब बदले हुए लहजे, भाषा या स्क्रिप्ट से आरोपी खुद को छिपा नहीं पाएंगे। यह तकनीक आने वाले समय में डिजिटल सबूतों के सत्यापन का भविष्य साबित होगी।