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09-Aug-2025 09:00 AM
By First Bihar
Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन आज 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पवित्र पर्व पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन यह उत्सव केवल भारत तक सीमित नहीं है। दुनिया भर के कई देशों में जहां भारतीय मूल या हिंदू समुदाय रहता है, रक्षाबंधन का रंग उसी उत्साह और परंपरा के साथ देखने को मिलता है। दिलचस्प बात यह है कि कुछ मुस्लिम बहुल देश भी इस पर्व को अपनाए हुए हैं।
नेपाल में रक्षाबंधन को ‘जनै पूर्णिमा’ के रूप में मनाया जाता है, जहां हिंदू समुदाय की बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं और पुरुष पवित्र धागा (जनै) बदलते हैं। नदियों में स्नान और पवित्र मंदिरों जैसे कुंभेश्वर में पूजा इस दिन की खासियत है। जबकि मॉरीशस, जहां 70% आबादी भारतीय मूल की है, वहां रक्षाबंधन पारिवारिक और सामुदायिक स्तर पर मनाया जाता है। मंदिरों, स्कूलों और कार्यस्थलों पर राखी समारोह आयोजित होते हैं। वहीं फिजी में भी 19वीं सदी में बसे भारतीय समुदाय इस पर्व को पारंपरिक भोजन और राखी बांधकर उत्साहपूर्वक मनाता है।
इस लिस्ट में त्रिनिडाड और टोबैगो भी शामिल हैं जहाँ भारतीय मूल के लोग रक्षाबंधन को घरों में मिठाइयों के साथ राखी बांधकर मनाते हैं, साथ ही सांस्कृतिक संगठन बड़े आयोजन भी करते हैं। आश्चर्यजनक रूप से, मुस्लिम बहुल देशों जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी यह पर्व सीमित लेकिन उत्साहपूर्ण ढंग से मनाया जाता है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत, खासकर थारपारकर में हिंदू-सिंधी परिवार राखी की परंपरा निभाते हैं। बांग्लादेश के ढाका और अन्य शहरों में हिंदू समुदाय मंदिरों और घरों में राखी बांधकर इस बंधन को और मजबूत करता है।
यह पर्व दर्शाता है कि भाई-बहन का प्रेम और विश्वास सीमाओं से परे है। भारत से लेकर नेपाल, मॉरीशस, फिजी, त्रिनिडाड और टोबैगो और यहां तक कि पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में रक्षाबंधन की परंपरा सांस्कृतिक एकता और प्रेम का संदेश फैलाती है। यह त्योहार न केवल परिवारों को जोड़ता है बल्कि विभिन्न देशों में बसे भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक जड़ों को भी मजबूत करता है। रक्षाबंधन 2025 इस बार भी विश्व भर में प्रेम और रक्षा के बंधन को और भी गहरा करने का काम कर रहा है।