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29-Jan-2025 11:31 AM
By First Bihar
प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व से पहले भगदड़ मचने की घटना सामने आई है, जिसमें 10 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में संगम क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं, लेकिन वहां अब भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। इस भगदड़ के बावजूद श्रद्धालु संगम तट तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं,साधु-संतों ने लोगों से संगम तट जाने से बचने की अपील की है। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक लगभग 15 करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। आज, मौनी अमावस्या के अवसर पर, 10 करोड़ से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर संगम नोज क्या है, जहां भारी भीड़ देखने को मिल रही है। इसका क्या महत्व है?
दरअसल, संगम नोज नाम इस जगह की आकार की वजह से पड़ा है। प्रयागराज में इस संगम नोज को स्नान के लिए सबसे अहम जगह मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर यमुना और मिथकीय नदी सरस्वती गंगा से मिलती है। ज्यादातर साधु-संत इसी जगह पर स्नान करते हैं। श्रद्दालु भी इसी जगह पर स्नान को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।
संगम नोज के क्षेत्र को हर बार बढ़ाया भी जाता है। 2019 की तुलना में इस बार भीड़ को देखते हुए संगम नोज के क्षेत्र को बढ़ाया गया था। जानकारी के अनुसार, पहले यहां ऐसी व्यवस्था की गई थी कि हर घंटे यहां 50 हजार लोग स्नान कर सकते थे। लेकिन इस बार महाकुंभ में हर घंटे 2 लाख लोगों के स्नान करने की तैयारी की गई है।
इधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने नजदीकी घाट पर ही स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और उनका सहयोग करें। उन्होंने किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने को भी कहा है।