ब्रेकिंग न्यूज़

तेज प्रताप यादव ने राहुल-तेजस्वी यादव की यात्रा पर बोला तीखा हमला: लोकतंत्र बचाने नहीं इसे तार-तार करने निकले हैं "राम खिचड़ी यात्रा" से सामाजिक समरसता का संदेश, समाजसेवी अजय सिंह ने शुरू की अनूठी पहल सहरसा में मरीज की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज बिहार में 15 दिनों तक चला ऑपरेशन नया सवेरा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग में फंसे 112 लोग कराये गये मुक्त, 50 मानव तस्कर भी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट

बिहार-यूपी बॉर्डर पर 31 साल बाद फिर हुई जन्माष्टमी पर कृष्ण की आराधना, शहीदों की याद में टूटी परंपरा हुई खत्म

बिहार-यूपी सीमा के गांवों में 31 साल बाद फिर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। 1994 में पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद यह परंपरा टूट गई थी।

Bihar

16-Aug-2025 10:22 PM

By First Bihar

DESK:  बिहार-यूपी के सीमावर्ती गांवों में इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व का विशेष मायने रहा है। वजह यह है कि यहां 31 साल बाद पहली बार मंदिरों और घरों में फिर से जन्माष्टमी का आयोजन किया गया है। 31 साल पहले हुई एक दर्दनाक घटना के बाद से इस पूरे इलाके में जन्माष्टमी मनाने की परंपरा टूट गई थी।


31 साल पुरानी घटना जिसने बदल दी परंपरा

घटना 31 साल पुरानी है लेकिन उस समय के लोगों को आज भी वो वाकया पूरी तरह याद है। उस दौर में 29 अगस्त 1994 की रात गंडक नदी के बीच हुई मुठभेड़ ने पूरे इलाके को दहला दिया था। दस्यु गैंग के सरगना बच्चू मास्टर और रामप्यारे कुशवाहा उर्फ सिपाही कुशवाहा ने पुलिस की एक टीम को जाल में फंसा लिया था। यूपी के कुशीनगर के तत्कालीन एसपी बुद्धचरण को सूचना मिली थी कि गैंग पचरुखिया गांव के प्रधान राधाकृष्ण गुप्ता की हत्या की योजना बना रहा है।


इसके बाद एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तरयासुजान थाना प्रभारी अनिल पांडेय, कुबेरस्थान थाना प्रभारी राजेंद्र यादव और छह पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई। टीम नाविक भूखल मल्लाह की नाव से गंडक नदी पार कर रही थी कि तभी बांसी घाट के पास दस्युओं ने चारों ओर से घेरकर फायरिंग कर दी।


गोलियों की बौछार के बीच नाव डगमगा गई और नदी में डूब गई। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनिल पांडेय समेत सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए। उस रात की यह त्रासदी इतनी गहरी थी कि सीमावर्ती गांवों ने कृष्ण जन्माष्टमी मनाना बंद कर दिया।


लोगों ने खुद लिया था फैसला

कुशीनगर के कोतहवा के पूर्व उप प्रमुख अजय चौबे, कठार के बबलू मिश्रा और मधुआ के पूर्व मुखिया जयप्रकाश कुशवाहा ने बताया कि 90 के दशक में दस्यु गिरोह का आतंक इतना बढ़ गया था कि लोग दहशत में जीते थे। शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में स्थानीय लोगों और पुलिस ने मिलकर जन्माष्टमी न मनाने का निर्णय लिया था। यह परंपरा पूरे 31 साल तक चली।


अब फिर से रौनक लौटी

इस साल पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर यह फैसला लिया कि अब कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिरों में झांकी सजाई गई है, घरों में तैयारियां की गई हैं और कई स्थानों पर भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया है। पडरौना थाने के कोतवाल हर्षवर्द्धन सिंह ने बताया कि वर्तमान एसपी संतोष मिश्रा के आदेश पर इस बार थानों में भी जन्माष्टमी का आयोजन किया जा रहा है। 31 साल बाद एक बार फिर सीमावर्ती गांवों में कान्हा के जन्म का उल्लास लौट आया है। इस बार का पर्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि शहीदों को श्रद्धांजलि और भय की उस परंपरा को तोड़ने का प्रतीक भी है।