ब्रेकिंग न्यूज़

इंश्योरेंस क्लेम की साजिश का भंडाफोड़: शव की जगह पुतला जलाने पहुंचे दो युवक गिरफ्तार दिल्ली दौरे पर सम्राट: बिहार का गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह और तावड़े से पहली मुलाकात BIHAR: शिक्षा के क्षेत्र में AI को मिलेगी उच्च प्राथमिकता: हर जिले में मॉडल स्कूल-कॉलेज बनाने का निर्देश Bihar Bhumi: पुश्तैनी जमीन की 'रसीद' आपके नाम से नहीं है....तब आप भूमि की बिक्री-रजिस्ट्री कर सकते हैं या नहीं ? नया आदेश क्या कहता है, सब कुछ जानें.... पटना में नाबालिग बच्ची की संदिग्ध मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने की सम्राट चौधरी को मौके पर बुलाने की मांग PATNA: अंचल कार्यालयों में राजस्व विभाग के हेल्प डेस्क के रूप में काम करेंगे VLE, छठे बैच का आवासीय प्रशिक्षण शुरू BHAGALPUR TRAIN ACCIDENT: सबौर स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ते समय महिला की गिरकर मौत, पति घायल IAS officer news : ब्राह्मण बेटी को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले IAS संतोष वर्मा पर प्रशासन का एक्शन शुरू; कारण बताओ नोटिस जारी Dharmendra death : धर्मेंद्र के जाने के बाद हेमा मालिनी ने शेयर की घर की तस्वीरें, जानिए क्या दिखा ख़ास; प्रार्थना सभा में दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि BIHAR CRIME: सिवान में दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप से एक करोड़ की लूट, आधा दर्जन नकाबपोश अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम

National Postal Day: खत से कनेक्शन तक, जानें कैसे बदल गया संचार

National Post Day: एक समय था जब खत आने पर पूरा परिवार उसे पढ़ने के लिए इकट्ठा हो जाता था। पोस्टमैन की सीटी या साइकिल की घंटी सुनते ही बच्चे दौड़ पड़ते थे। उस दौर में न मोबाइल थे, न इंटरनेट—बस चिट्ठियां ही जुड़ाव का जरिया थीं। लेकिन अब समय के साथ डाक

National Post Day

10-Oct-2025 10:29 AM

By First Bihar

National Post Day: एक समय था जब खत आने पर पूरा परिवार उसे पढ़ने के लिए इकट्ठा हो जाता था। पोस्टमैन की सीटी या साइकिल की घंटी सुनते ही बच्चे दौड़ पड़ते थे। उस दौर में न मोबाइल थे, न इंटरनेट—बस चिट्ठियां ही जुड़ाव का जरिया थीं। लेकिन अब समय के साथ डाक की कई पारंपरिक सर्विसेज बंद हो गई हैं। आइए जानते हैं वो कौन-कौन सी है सर्विसेज... 


भारत में हर साल 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय डाक दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय डाक सेवा की अहमियत को याद करने और उसकी भूमिका को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। पहली बार यह सेवा 1854 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने शुरू की थी। उस समय डाक के जरिए ही लोग दूर बैठे अपने परिवार और दोस्तों से जुड़ते थे। लेकिन अब समय बदल गया है। टेक्नोलॉजी के आने से लोगों ने मोबाइल, इंटरनेट और ऑनलाइन सेवाओं को अपनाया और कई पुरानी डाक सेवाएं अब इतिहास बन चुकी हैं। आइए जानते हैं, वे कौन-कौन सी सेवाएं हैं जो अब हमारे बीच नहीं रहीं:


टेलीग्राम (तार): ये सेवा बेहद जरूरी संदेशों के लिए होती थी, जैसे किसी की शादी, मौत या कोई इमरजेंसी। जब तार आता था, तो लोग घबरा जाते थे। लेकिन अब ये सेवा बंद हो चुकी है।

मनीऑर्डर: पहले पैसे भेजने के लिए मनीऑर्डर सबसे सुरक्षित तरीका था। पोस्ट ऑफिस में फॉर्म भरकर पैसे भेजे जाते थे। अब इसकी जगह ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स ने ले ली है।

पोस्टकार्ड: 15-25 पैसे में मिलने वाला पोस्टकार्ड लोगों की भावनाएं पहुंचाने का जरिया था। अब सब कुछ मोबाइल पर हो जाने से पोस्टकार्ड का दौर खत्म हो गया।

इनलैंड लेटर: नीले रंग का यह पत्र लंबी चिट्ठियां लिखने के लिए होता था। अब इसकी जगह ईमेल और मैसेजिंग ऐप्स ने ले ली है।

फैक्स: पहले डॉक्यूमेंट भेजने के लिए फैक्स मशीन का इस्तेमाल होता था। अब स्कैन और ईमेल से काम आसान हो गया है।

टेलेक्स: टेलेक्स मशीन से टाइप कर संदेश भेजे जाते थे। अब मोबाइल और इंटरनेट के जमाने में इसकी जरूरत ही नहीं रही।


फिलेटेली पासबुक और रजिस्टर्ड डाक: टिकटें जमा करने का शौक (फिलेटेली) अब बहुत कम हो गया है। वहीं रजिस्टर्ड डाक जो कभी जरूरी सामान भेजने के लिए इस्तेमाल होती थी, अब उसकी जगह कूरियर और डिजिटल सेवाओं ने ले ली है। अब ये सेवाएं भले ही खत्म हो गई हों, लेकिन इनके साथ जुड़ी यादें आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं।