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07-May-2025 07:16 AM
By First Bihar
India Attacked Pakistan: भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी आतंकवाद के खिलाफ नीति अब केवल सीमा तक सीमित नहीं रहेगी। भारतीय सशस्त्र बलों ने एक गुप्त सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी संगठनों के नौ प्रमुख ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान समेत पूरे विश्व का ध्यान खींचा है।
जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बना निशाना
पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर, लंबे समय से आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय माना जाता है। यहीं स्थित है जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह परिसर, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है। भारत ने इस हाई-सिक्योरिटी परिसर को निशाना बनाकर यह दिखा दिया है कि अब आतंकवाद को पालने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा।
यह परिसर करीब 18 एकड़ में फैला है और इसमें मदरसा, मस्जिद, घुड़सवारी के अस्तबल, जिम और एक स्विमिंग पूल शामिल हैं। इसे अल-रहमत ट्रस्ट संचालित करता है, जिसे जैश का फ्रंटल संगठन माना जाता है। इस परिसर की शुरुआत साधारण ढांचे से हुई थी, लेकिन 2012 तक यह एक आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र में बदल चुका था।
तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई
भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना की संयुक्त ताकत से किए गए इस ऑपरेशन में बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट और PoK के पांच स्थानों पर हमला किया गया। अत्याधुनिक सटीक हथियारों का उपयोग करते हुए भारतीय सेना ने इन आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया।
क्यों जरूरी था बहावलपुर पर हमला?
बहावलपुर न केवल जैश का गढ़ है, बल्कि यहीं जन्मा था भारत का दुश्मन नंबर एक मसूद अजहर, जिसने 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट के अपहरण के बाद रिहाई के बाद जैश की स्थापना की थी। बताया जाता है कि अजहर को ISI का खुला समर्थन मिला और उसने ओसामा बिन लादेन से प्रेरणा ली।
भारत का बदला रुख
बालाकोट एयरस्ट्राइक और उरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की नई और स्पष्ट रणनीति का प्रतीक है—अब आतंकी हमलों का जवाब PoK तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पाकिस्तान के अंदर भी आतंक के ठिकानों को खत्म किया जाएगा। खास बात यह है कि बहावलपुर एक ऐसा इलाका है जहां पास ही पाकिस्तानी सेना की 31वीं कोर और एक गुप्त परमाणु सुविधा भी मौजूद है, फिर भी भारत ने वहां सफलतापूर्वक ऑपरेशन अंजाम दिया।
भारत का संदेश साफ है:
अब सिर्फ आतंकियों पर नहीं, उन्हें पनाह देने वालों पर भी वार होगा। यह ऑपरेशन भारत की खुफिया एजेंसियों और सैन्य बलों की तैयारी, रणनीति और संकल्प को दर्शाता है।