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03-Oct-2025 10:19 AM
By First Bihar
H125 Helicopter: भारत ने अपनी हवाई क्षमताओं को नई ऊंचाई देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड मिलकर H125 हेलिकॉप्टर का उत्पादन शुरू करेंगे। यह सिंगल-इंजन वाला बहुमुखी हेलिकॉप्टर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर लैंडिंग का विश्व रिकॉर्ड रखता है।
जल्द ही कर्नाटक के कोलार जिले के वेमागल में फाइनल असेंबली लाइन (FAL) बनेगी, यह भारत का पहला निजी क्षेत्र का हेलिकॉप्टर निर्माण केंद्र होगा। 2026 से पहला 'मेड इन इंडिया' H125 डिलीवर होने की उम्मीद है और इसका मिलिट्री वर्जन H125M सेना की जरूरतों को पूरा करेगा।
इसके लिए TASL ने 7.4 लाख वर्ग फुट जमीन अधिग्रहित की है, यहां सालाना 10 हेलिकॉप्टर बनेंगे। एयरबस के अनुमान से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अगले 20 सालों में 500 से ज्यादा H125-क्लास हेलिकॉप्टरों की जरूरत होगी। इसके निर्माण में देसी तकनीक का इस्तेमाल होगा। जबकि फ्रांस की साफ्रान का Arriel 2D टर्बोशाफ्ट इंजन इसे पावर देगा। H125 का बड़ा केबिन पायलट के अलावा 6 लोगों को समाहित करेगा और बड़े विंडो से विजिबिलिटी बढ़ेगी। वहीं, क्रैश-रेसिस्टेंट फ्यूल सिस्टम ऊंचाई वाले इलाकों में सुरक्षित उड़ान सुनिश्चित करेगा।
यह हेलिकॉप्टर हर इलाके में उड़ान भरने में माहिर है। फिर चाहे बात हिमालयी सीमाओं की हो या फिर रेगिस्तान की। यह कार्गो हुक से 1400 किलो तक का भार ढो सकता है, जो इसे ट्रांसपोर्ट, मेडिकल इमरजेंसी, आपदा राहत, पर्यटन और लॉ एनफोर्समेंट के लिए आदर्श बनाता है। H125M चेतक-चीता हेलिकॉप्टरों का उत्तराधिकारी बनेगा।
यह परियोजना भारत को एशिया का हेलिकॉप्टर हब बनाएगी। टाटा के CEO सुकर्ण सिंह ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगा। एयरबस इंडिया के प्रेसिडेंट जर्गन वेस्टरमेयर ने बताया कि H125 का 80% वैश्विक मार्केट शेयर है और 2027 तक पहला हेलिकॉप्टर तैयार होने से सेना और सिविल सेक्टर को फायदा होगा।