BIHAR CRIME: गांजा पीने के विवाद में चाय दुकानदार की चाकू गोदकर हत्या, इलाके में हड़कंप होली पर मातम: बहन के ससुराल से घर लौट रहे भाई की दर्दनाक मौत BIHAR NEWS : होली के दिन मातम का माहौल, एक साथ उठी 4 अर्थी; गांव में पसरा सन्नाटा Bihar vidhansabha chunav 2025: बिहार में होली और जुमे पर वोट की राजनीति, लेकिन सियासतदानों की दाल न गली Bihar Teacher News : उर्दू प्रार्थना को लेकर जमकर हुआ विवाद, अब प्रिसिंपल और शिक्षक हुए सस्पेंड Bihar News : मातम में बदला होली का उल्लास, बागमती नदी में डूबने से 12 साल के किशोर की मौत Mathura vrindaban holi 2025: वृंदावन में विधवाओं की ऐतिहासिक होली... 2000 विधवाएं बनाएंगी विश्व रिकॉर्ड UP Police: 27 साल से घरवालों संग होली नहीं मना सके ये पुलिसकर्मी, सुनिए पुलिसवालों का दर्द ROAD ACCIDENT IN BIHAR : मातम में बदला होली की ख़ुशी, सड़क हादसे में दो की मौत; पूर्व मंत्री के घर पसरा सन्नाटा Holi 2025: होली के दौरान आंखों में अबीर पड़ने पर हो सकती है एलर्जी, त्वचा संबंधी परेशानी से इस तरह करें बचाव
29-Jan-2025 11:51 AM
By KHUSHBOO GUPTA
Maharashtra News: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में जिला अस्पताल में जांच के लिए आई गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के पेट में भ्रूण होने का पता चला है। इस गर्भावस्था को मेडिकल भाषा में (Fetus in feto) कहा जाता है। महिला को इस बात का पता सोनोग्राफी रिपोर्ट से चला। यह मामला तब सामने आया जब तीन दिन पहले बुलढाणा जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए एक गर्भवती महिला आई। जब डॉक्टर ने महिला की सोनोग्राफी की तो बच्चे के गर्भ में भ्रूण साफ दिखाई दे रहा था।
जिले के मोताला तहसील से आई 32 वर्षीय गर्भवती महिला की सोनोग्राफी के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के पेट में भी एक भ्रूण मौजूद है। डॉक्टर प्रसाद अग्रवाल ने सोनोग्राफी करते समय इस असामान्य स्थिति को देखा, जिसके बाद उन्होंने दोबारा जांच की और अपने वरिष्ठ डॉक्टरों को जानकारी दी। महिला को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए तुरंत उसे संभाजीनगर रेफर कर दिया गया। महिला को पहले से 2 बच्चे हैं।
आपको बता दें कि मेडिकल में इस स्थिति को Fetus in Feto कहा जाता है, जो बेहद दुर्लभ मामला है। डॉक्टर के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक ऐसे लगभग 200 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से भारत में केवल 15 से 20 ही दर्ज हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मां को कोई खतरा नहीं होगा, लेकिन नवजात के लिए जल्द से जल्द इलाज जरूरी होगा ताकि उसकी सामान्य वृद्धि प्रभावित न हो।