ब्रेकिंग न्यूज़

Nitin Nabin: बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नवीन को मिलेंगी कितनी सुविधाएं, सैलरी मिलेगी या नहीं? जानिए.. Nitin Nabin: बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नवीन को मिलेंगी कितनी सुविधाएं, सैलरी मिलेगी या नहीं? जानिए.. Bihar Education News: शिक्षा विभाग के अफसरों को लिखने भी आता ! BEO ने एक पन्ने की चिट्ठी में 12 से अधिक गलती की Patna Crime News: पटना में दो पक्षों के बीच फायरिंग से हड़कंप, लाइसेंसी हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में दो पक्षों के बीच फायरिंग से हड़कंप, लाइसेंसी हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार Bihar News: बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने रचा इतिहास, सोनपुर मेला में किया ऐसा काम कि एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया नाम Bihar News: बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने रचा इतिहास, सोनपुर मेला में किया ऐसा काम कि एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया नाम KAIMUR CRIME: जंग बहादुर पासवान हत्याकांड का खुलासा, चार साल बाद फरार दूसरा आरोपी गिरफ्तार दिल्ली की ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली पर गिरिराज सिंह का पलटवार, राहुल–प्रियंका गांधी पर साधा निशाना नितिन नवीन बने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, पीएम मोदी-नीतीश कुमार सहित कई दिग्गजों ने दी बधाई

Election Commission : चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन जारी, 3 घंटे में हटानी होगी झूठी AI सामग्री...; जानिए क्या है पूरा आदेश

निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि चुनाव प्रचार में AI या डिजिटल एडिटेड सामग्री का उपयोग पारदर्शी और जिम्मेदार तरीके से करें, झूठी सामग्री पर तुरंत कार्रवाई होगी।

Election Commission : चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन जारी,  3 घंटे में हटानी होगी झूठी AI सामग्री...; जानिए क्या है पूरा आदेश

25-Oct-2025 10:05 AM

By First Bihar

Election Commission : निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार में कृत्रिम मेधा (AI) से तैयार होने वाली फर्जी और भ्रामक सामग्री को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के अध्यक्ष और महासचिव को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि चुनाव में AI से बनी सामग्री का इस्तेमाल “जिम्मेदारी के साथ और पारदर्शी ढंग से” किया जाना चाहिए।


आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार में AI या डीपफेक तकनीक से तैयार झूठी या भ्रामक सामग्री लोकतंत्र के लिए खतरा है। ऐसी सामग्री में नेताओं को झूठे बयानों, घटनाओं या स्थितियों में दिखाया जा सकता है, जिससे मतदाताओं को गुमराह किया जा सकता है। यह न केवल मतदाताओं की सोच पर असर डालती है, बल्कि समान अवसर के सिद्धांत को भी नुकसान पहुंचाती है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल बनाए रखना आवश्यक है।


निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि अगर किसी प्रचार सामग्री में AI या डिजिटल एडिटिंग का इस्तेमाल हुआ है, तो उसे स्पष्ट रूप से लेबल करना अनिवार्य होगा। यह लेबल बड़े और पढ़ने योग्य अक्षरों में होना चाहिए ताकि दर्शक या मतदाता आसानी से पहचान सकें कि सामग्री AI या डिजिटल एडिटिंग से बनाई गई है। आयोग ने कहा कि यह लेबल वीडियो या ग्राफिक सामग्री में स्क्रीन के ऊपर यानी टॉप बैंड में दिखना चाहिए और वीडियो या दृश्य सामग्री के कम से कम 10 प्रतिशत हिस्से तक या कुल दृश्य क्षेत्र के 10 प्रतिशत हिस्से तक बने रहना चाहिए।


साथ ही, सामग्री में यह भी स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए कि इसे किसने बनाया या अपलोड किया है। आयोग का कहना है कि किसी व्यक्ति की आवाज़, चेहरा या पहचान को बिना उसकी अनुमति के गलत तरीके से पेश करने वाली सामग्री को प्रकाशित या साझा नहीं किया जा सकता। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी की पहचान का दुरुपयोग न हो और किसी व्यक्ति को झूठे तरीके से बदनाम या गुमराह करने का प्रयास न किया जाए।


निर्वाचन आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि अगर किसी राजनीतिक पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से झूठी AI सामग्री पोस्ट या शेयर की जाती है, तो उसे नोटिस या रिपोर्ट मिलने के तीन घंटे के भीतर तुरंत हटाना होगा। आयोग ने इस पर कड़ा ध्यान देने की बात कही है ताकि गलत जानकारी तेजी से फैलने से रोकी जा सके और मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे।


इसके अलावा, सभी राजनीतिक दलों को अपनी AI आधारित प्रचार सामग्री का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा। इस रिकॉर्ड में उस व्यक्ति या संस्था का नाम, जिसने सामग्री तैयार की, और तैयार करने का समय दर्ज होना चाहिए। यह रिकॉर्ड आयोग को भविष्य में जांच और सत्यापन के लिए उपलब्ध कराना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पार्टी या प्रत्याशी गलत या भ्रामक सामग्री का इस्तेमाल करके चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित न कर सके।


निर्वाचन आयोग ने कहा कि ये सभी नई गाइडलाइन तुरंत लागू होंगी और अगले आदेश तक सभी आम और उपचुनावों में लागू रहेंगी। आयोग का मकसद स्पष्ट है कि तकनीक का इस्तेमाल पारदर्शी और जिम्मेदार तरीके से हो, ताकि लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया सुरक्षित और निष्पक्ष बनी रहे।


विशेषज्ञों के अनुसार, AI तकनीक के गलत इस्तेमाल से झूठी जानकारी फैलाना आसान हो गया है। इसलिए आयोग के ये दिशा-निर्देश समय की मांग हैं। राजनीतिक दलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चाहिए कि वे इन नियमों का पालन करें और चुनाव प्रचार में पारदर्शिता बनाए रखें।


इस कदम से न केवल मतदाताओं का विश्वास मजबूत होगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि सभी दलों को समान अवसर मिलें और कोई भी पार्टी या प्रत्याशी अनुचित लाभ न उठा सके। आयोग ने स्पष्ट किया है कि AI का दुरुपयोग लोकतंत्र के लिए खतरा है, इसलिए जिम्मेदार और पारदर्शी तरीके से इसका इस्तेमाल होना चाहिए। निर्वाचन आयोग ने सभी दलों से अपील की है कि वे इन नियमों का पालन करें और अपने प्रचार में सत्यनिष्ठा बनाए रखें। आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।