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Bihar election: एनडीए का साझा एजेंडा जल्द, एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा संभव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए अगले सप्ताह अपना साझा घोषणापत्र जारी करेगा। इसमें एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने और राज्य में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित करने का बड़ा वादा शामिल हो सकता है।

Bihar election: एनडीए का साझा एजेंडा जल्द, एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा संभव

29-Oct-2025 06:33 AM

By First Bihar

BIHAR ELECTION: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) अगले सप्ताह अपना साझा एजेंडा और घोषणापत्र जारी करने की तैयारी में है। महागठबंधन द्वारा मंगलवार को 'बिहार का तेजस्वी प्रण' शीर्षक से घोषणापत्र जारी किए जाने के बाद अब एनडीए भी अपने ‘साझा एजेंडा फॉर गवर्नेंस’ को अंतिम रूप दे रहा है। भाजपा सूत्रों के अनुसार, यह घोषणापत्र अगले सप्ताह पटना में भव्य तरीके से जारी किया जाएगा।


एनडीए के घोषणापत्र में सबसे बड़ा वादा एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का हो सकता है। भाजपा सूत्रों के अनुसार, इस वादे को घोषणापत्र का केंद्र बिंदु बनाया जा रहा है ताकि राज्य के युवाओं को बेहतर रोजगार अवसर मिल सकें। इसके साथ ही रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए बिहार में ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ स्थापित करने की योजना भी शामिल की जा सकती है। इससे राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।


एनडीए के रणनीतिकारों का मानना है कि बिहार के विकास की कुंजी शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक आधार के सुदृढ़ीकरण में निहित है। इसलिए घोषणापत्र में इन तीन क्षेत्रों को प्रमुखता दी जाएगी।


शिक्षा के क्षेत्र में नए विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की स्थापना के वादे किए जा सकते हैं। साथ ही शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज करने का आश्वासन भी दिया जाएगा।


स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खोलने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने का प्रस्ताव शामिल किया जा सकता है।


उद्योग के क्षेत्र में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और MSME हब स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ सकें।


घोषणापत्र में महिला सशक्तिकरण को भी अहम स्थान मिलने की संभावना है। एनडीए सरकार महिलाओं के लिए स्व-रोजगार योजनाओं को बढ़ावा देने, आत्मनिर्भर महिला समूहों को सशक्त बनाने और सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी को और बढ़ाने का वादा कर सकती है।


कृषि क्षेत्र में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण, सिंचाई नेटवर्क के विस्तार और कृषि आधारित उद्योगों के प्रोत्साहन का जिक्र किया जा सकता है। भाजपा और जदयू, दोनों दल ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए किसानों से जुड़े वादों को खास महत्व दे रहे हैं।



एनडीए का फोकस बिहार में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर रहेगा। इसमें नई सड़क परियोजनाएं, ग्रामीण सड़कों का आधुनिकीकरण, गंगा नदी पर नए पुल और रेल-रोड नेटवर्क के विस्तार जैसी घोषणाएं शामिल हो सकती हैं। साथ ही शहरी इलाकों में मेट्रो विस्तार और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स को गति देने का भी वादा किया जा सकता है।


एनडीए अपने घोषणापत्र में सामाजिक न्याय की भावना को ध्यान में रखते हुए पिछड़े, अति-पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा करने पर विचार कर रहा है। शिक्षा और रोजगार में आरक्षण लाभों के प्रभावी क्रियान्वयन और छात्रवृत्ति योजनाओं के विस्तार की बात कही जा सकती है।


भाजपा सूत्रों के मुताबिक, बिहार को पूर्वी भारत का औद्योगिक हब बनाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की जा रही है। ‘मेड इन बिहार’ अभियान के तहत राज्य में इलेक्ट्रॉनिक, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और फार्मा उद्योगों को प्रोत्साहन देने की योजना भी शामिल की जा सकती है।



भाजपा सूत्रों का कहना है कि घोषणापत्र पहले चरण के मतदान से पहले जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए पटना में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री संजय झा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और जदयू के शीर्ष नेता शामिल रहेंगे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल संबोधन भी संभव है।


महागठबंधन ने पहले ही 'बिहार का तेजस्वी प्रण' जारी कर रोजगार, शिक्षा और महिला सुरक्षा को अपना मुख्य एजेंडा बताया है। ऐसे में एनडीए का घोषणापत्र इस मुकाबले को और दिलचस्प बना सकता है। दोनों गठबंधन युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े-बड़े रोजगार वादे कर रहे हैं, लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब इन वादों को जमीन पर उतारने का समय आएगा।