Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar Assembly Elections : बिहार चुनाव को लेकर बॉर्डर हुआ सील, बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक Bihar Election 2025: वोटिंग करने से पहले जरुर जान लें यह बातें, पोलिंग बूथ पर जाकर नहीं होगी कोई परेशानी Bihar Special Trains: यात्रियों के लिए खुशखबरी! बिहार से चलेंगी इतनी स्पेशल ट्रेनें, जानें क्या है टाइमिंग और रुट? Bihar Election : पटना में गंगा नदी में नाव परिचालन पर रोक, SDO ने जारी किया आदेश; जानिए क्या है वजह Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, आशा कार्यकर्ता के घर से 32.42 लाख कैश जब्त बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मुजफ्फरपुर से 4186 मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना
05-Nov-2025 01:25 PM
By First Bihar
Bihar Election 2025 : बिहार में साल 2020 में बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा लालू प्रसाद यादव पर सरकार गिराने के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद बिहार की राजनीति में जमकर हंगामा मचा था। इसी बीच बीजेपी विधायक ललन पासवान भी सामने आए और दावा किया कि उन्हें लालू प्रसाद यादव का फोन आया था।
ललन पासवान के अनुसार, उस समय उनके पीए ने फोन उठाया और बताया कि लालू प्रसाद यादव बात करना चाहते हैं। जब उन्होंने फोन पर बात की तो पहले लालू प्रसाद ने उन्हें बधाई दी और फिर सरकार गिराने में मदद मांगी। लालू यादव ने कहा था— “आप हमारे साथ आ जाइए, आपको मंत्री बना देंगे।” बीजेपी विधायक के मुताबिक, लालू यादव ने उन्हें मंत्री पद देने की बात कही और चुनाव की प्रक्रिया में शामिल ना होने को कहा ललन के मुताबिक, उस वक्त सुशील कुमार मोदी उनके पास ही बैठे हुए थे। हालांकि कुछ समय बाद यह मामला शांत पड़ गया और लालू यादव अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाए। इसकी एक वजह उस समय सुशील मोदी की सक्रियता भी बताई जाती है।
लेकिन बीजेपी को लेकर एक बात हमेशा कही जाती है कि यह पार्टी अपने नेताओं पर लगातार नजर रखती है और यह जानने की कोशिश करती रहती है कि उनके नेता किस तरह की राजनीति में जुड़े हुए हैं। इसी कड़ी में इस बार बीजेपी संगठन की ओर से ललन पासवान को लेकर बेहतर फीडबैक नहीं मिला, जिसके बाद उनका टिकट काट दिया गया। शुरुआत में उन्होंने कोई नाराजगी नहीं दिखाई, लेकिन अब वह वजह साफ हो गई है कि उन्हें दोबारा प्रतीक (सिंबल) क्यों नहीं दिया गया।
दरअसल, लालू यादव के फोन के बाद भले ही ललन पासवान ने राजद से जाने से इनकार कर दिया था, लेकिन उनकी नज़दीकियां लालू परिवार के साथ बढ़ने लगी थीं। इस बात की जानकारी बीजेपी संगठन को भी मिलने लगी। हालांकि, संगठन जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं करना चाहता था। बाद में संगठन से जुड़े एक बड़े पदाधिकारी ने उन्हें बुलाकर समझाया कि यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए सही नहीं है। इसके बावजूद ललन पासवान लालू परिवार के संपर्क में बने रहे।
सूत्र बताते हैं कि ललन पासवान को यह अहसास हो गया था कि संगठन की ओर से समझाए जाने का मतलब उनका टिकट कटना तय है। ऐसे में उन्होंने राजद से टिकट लेने की कोशिश की। लेकिन तेजस्वी यादव ने इस सीट पर पहले से ही उम्मीदवार तय कर लिया था और आखिरी समय में उम्मीदवार बदलना पार्टी के लिए गलत संदेश होता। इसलिए उन्हें राजद से टिकट नहीं मिला। हाँ, उन्हें भरोसा दिया गया कि उन्हें उच्च सदन भेजा जाएगा। ऐसे में अब मतदान के अंतिम समय में वह फिर से लालू प्रसाद यादव के साथ जुड़ गए हैं और इसकी तस्वीर भी सामने आ गई है।