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16-Oct-2025 08:47 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस बार पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पारंपरिक लव-कुश समीकरण को मजबूती देने की रणनीति पर काम किया है। पार्टी ने लव-कुश और धानुक जाति से कुल 23 उम्मीदवारों को टिकट देकर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि जातीय संतुलन और सामाजिक समीकरण उसके चुनावी एजेंडे में सबसे ऊपर हैं।
पार्टी ने लव-कुश वर्ग से 19 और धानुक समुदाय से चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा 13 सवर्णों, 12 दलितों, 10 अतिपिछड़ा वर्ग और तीन यादव उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। दलित समुदाय के तहत रविदास, मुसहर, धोबी और पासवान समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। जदयू ने चार महिलाओं को भी टिकट दिया है — इनमें दो कुशवाहा, एक राजपूत और एक वैश्य समुदाय से हैं। इनमें से तीन महिलाएं पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही हैं, जबकि अश्वमेघ देवी को पुनः मौका दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछली बार इन सीटों पर 10 महिलाओं को टिकट दिया गया था। इस बार महिलाओं की संख्या कम जरूर हुई है, लेकिन पार्टी का जोर नई और ऊर्जावान उम्मीदवारों पर है। पार्टी ने अपने पुराने और भरोसेमंद नेताओं की दूसरी पीढ़ी को भी मौका दिया है। कई उम्मीदवार ऐसे हैं जो या तो पूर्व विधायक या वरिष्ठ नेताओं के परिवार से आते हैं।
इस बार जदयू ने अल्पसंख्यक वर्ग से किसी भी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। पिछले चुनाव में इन 57 सीटों में तीन मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट मिला था, जिनमें एक महिला भी थीं, लेकिन कोई भी विजेता नहीं बन सका था। इस बार पार्टी ने उन्हीं सीटों पर अतिपिछड़ा, भूमिहार और राजपूत उम्मीदवारों को मौका दिया है।
युवाओं पर भरोसा जताते हुए पार्टी ने अपने आधे से अधिक टिकट युवा वर्ग को दिए हैं। सूची में जहां 80 वर्षीय हरिनारायण सिंह और 75 वर्षीय नरेन्द्र नारायण यादव जैसे अनुभवी चेहरे हैं, वहीं कुशेश्वरस्थान के अतिरेक कुमार, इस्लामपुर के रूहेल रंजन, मीनापुर के अजय कुशवाहा, गायघाट की कोमल सिंह और डुमरांव के राहुल सिंह जैसे युवा उम्मीदवार भी शामिल हैं।
पार्टी की उम्मीदवार सूची में यह भी साफ दिखता है कि नीतीश कुमार अनुभव और युवा ऊर्जा के मिश्रण पर भरोसा कर रहे हैं। सूची में 70 प्रतिशत उम्मीदवार 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जबकि बाकी में युवा चेहरे हैं। जदयू ने ऐसे लोगों को टिकट दिया है जिनकी स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ है और जिनकी छवि साफ-सुथरी मानी जाती है।
पार्टी ने इस बार जमीनी कार्यकर्ताओं और व्यवसायी वर्ग के लोगों को भी प्रतिनिधित्व दिया है। राधा चरण साह, रूहेल रंजन और कोमल सिंह जैसे उम्मीदवार व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि पुष्पंजय कुमार और राहुल सिंह अधिवक्ता हैं।
कुल मिलाकर, जदयू का यह टिकट वितरण जातीय संतुलन, अनुभव, युवाशक्ति और स्थानीय प्रभाव का एक संतुलित मिश्रण है। इससे साफ है कि पार्टी का लक्ष्य अपने परंपरागत वोट बैंक को बनाए रखते हुए नए सामाजिक समूहों को भी जोड़ने का है।