रांची में सुकृष्णा कॉमर्स एकेडमी का नया सेंटर शुरू, छात्रों को शहर में ही बेहतरीन कॉमर्स शिक्षा का मिलेगा अवसर: आदित्य साहू नई सरकार बनते ही लालू परिवार पर गिरी बड़ी गाज, 20 साल पुराना बंगला छीना गया, जारी हो गया आदेश बिहार में नए मंत्रियों को बंगला अलॉट: किन्हें कहां मिला आवास देखिये पूरी लिस्ट? नीतीश कुमार करोड़ों बिहारियों की आन-बान और शान, JDU महासचिव 'सेतु' ने CM से मिलकर NDA को मिले अभूतपूर्व जनादेश के लिए दी बधाई सरकार बनने के बाद राबड़ी देवी को बड़ा झटका, अब खाली करना होगा सरकारी बंगला, आखिर क्या हुआ जानिये? चार्ज संभालते ही एक्शन में दिखे गृह मंत्री, बोले..बिहार में अब छेड़खानी करने वालों और गालीबाजों की खैर नहीं बिहार में राजस्व सेवाओं को पारदर्शी बनाने की नई पहल; अंचल कार्यालयों में CSC VLE की तैनाती से मिलेगी बिचौलियों से मुक्ति विद्या विहार समूह के संस्थापक स्व.रमेश चंद्र मिश्र की 74वीं जयंती, सांस्कृतिक संध्या में ‘सूफियात’ बैंड की मनमोहक प्रस्तुति सम्राट चौधरी से लेकर चिराग तक को भद्दी-भद्दी गालियां दी...लाइव आकर बोला- मैं तुमसे लड़ने को तैयार, पुलिस ने SC/ST एक्ट व अन्य गंभीर धाराओं में दर्ज किया केस BSTDC : बिहार में शुरू हुई नई लग्जरी बस सेवा: पटना से सिलीगुड़ी समेत इन जगहों की यात्रा होगी अब और आसान और किफायती
25-Nov-2025 03:44 PM
By First Bihar
Railway Bihar : बिहार में रेलवे सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। हाल के रेल हादसों से सबक लेते हुए भारतीय रेलवे ने ट्रैक की रखवाली और निगरानी की व्यवस्था में बदलाव किया है। अब सिर्फ पांच विभाग नहीं बल्कि 14 विभागों के अधिकारी रेलवे ट्रैक का नियमित निरीक्षण करेंगे और निरीक्षण के दौरान मिलने वाली कमियों की रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंपेंगे। रेलवे का यह कदम सुरक्षा मानकों को बढ़ाने और किसी भी प्रकार की संचालन चूक को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर सहित राज्य के पांचों मंडलों में इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी की जा रही है। रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के वर्षों में देशभर में हुए रेल हादसों ने रेलवे सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त बनाने की जरूरत को स्पष्ट कर दिया है। ऐसे में सभी विभागों के अधिकारी फील्ड में उतरेंगे और ट्रैक की नियमित निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
रेलवे अधिकारियों की फील्ड में उतरने वाली टीम में केवल ट्रैक और इंफ्रास्ट्रक्चर विभाग के अधिकारी ही नहीं होंगे, बल्कि लेखा विभाग, कर्मियों का विभाग, स्टोर, निर्माण, कॉमर्शियल और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ट्रैक और रेलवे से जुड़ी सभी गतिविधियों का एक साथ निरीक्षण हो और किसी भी प्रकार की कमियों को तुरंत दूर किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार निरीक्षण कार्य पहले ही शुरू कर दिया गया है। अधिकारी अपनी टीम के साथ इंजन में बैठकर फुट प्लेटिंग करते हुए दिल्ली रूट तक पहुंचे और वहां ट्रैक की स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट विभाग को सौंप दी। अब इस प्रक्रिया को और व्यवस्थित किया गया है, जिसमें सभी 14 विभागों के अधिकारी बारी-बारी से अलग-अलग सेक्शन का निरीक्षण करेंगे। प्रत्येक अधिकारी को उसी दिन अपनी रिपोर्ट विभाग को देनी होगी। अगर किसी सेक्शन में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे तुरंत दूर कराया जाएगा।
फुट प्लेटिंग क्या होती है? रेलवे में फुट प्लेटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अधिकारी इंजन के केबिन में लोको पायलट के साथ बैठते हैं और ट्रैक का निरीक्षण करते हैं। इस दौरान अधिकारी रास्ते में आने वाले चेक प्वाइंट, खंभे, सिग्नल, रेल पुल और अन्य महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति देखते हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ट्रैक पर कोई भी तकनीकी या संरचनात्मक खामी न हो, जिससे रेल संचालन में किसी प्रकार की बाधा आए।
इस नई व्यवस्था से रेलवे अधिकारियों को ट्रैक की छोटी-छोटी खामियों को भी समय रहते पहचानने और सुधारने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि रेलवे संचालन में भी कोई बाधा नहीं आएगी। रेलवे सूत्रों का कहना है कि अभी तक केवल पांच विभाग के अधिकारी ही फुट प्लेटिंग करते थे, लेकिन अब सभी 14 विभागों के अधिकारी इसमें शामिल होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कदम से न केवल ट्रैक की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि रेलवे संचालन में होने वाली त्रुटियों को भी कम किया जा सकेगा। इसके अलावा यह प्रणाली अधिकारी और कर्मचारियों को भी अधिक सतर्क बनाएगी। रेलवे अधिकारियों को ट्रेन रूट पर होने वाले सभी बदलावों और कमियों की जानकारी समय रहते मिल जाएगी, जिससे किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटना आसान होगा।
पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर मंडल के अधिकारियों ने बताया कि इस कदम से रेलवे ट्रैक की निगरानी में काफी सुधार आएगा। अधिकारियों का कहना है कि फुट प्लेटिंग के दौरान वे ट्रैक की स्थिति, सिग्नल की कार्यप्रणाली, पॉइंट्स की स्थिति, पुलों की मजबूती और अन्य संरचनात्मक पहलुओं का निरीक्षण करेंगे। किसी भी कमी को तुरंत सुधारने का प्रावधान होने से दुर्घटनाओं की संभावना काफी कम हो जाएगी।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था रेलवे सुरक्षा को उच्चतम स्तर तक पहुंचाने का प्रयास है। इसके तहत अधिकारियों को न केवल निरीक्षण करना होगा बल्कि अपनी रिपोर्ट उसी दिन विभाग को सौंपनी होगी, ताकि तुरंत मेंटेनेंस कार्य शुरू किया जा सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ट्रैक पर कोई भी कमी लंबित न रहे और यात्री सेवाओं में व्यवधान न आए।
रेलवे की यह नई पहल बिहार सहित पूरे देश के लिए उदाहरण बनेगी। अधिकारी और कर्मचारी मिलकर नियमित निरीक्षण करेंगे और सभी कमियों को तुरंत सुधारेंगे। इससे यात्रियों का विश्वास भी बढ़ेगा और रेलवे संचालन अधिक सुरक्षित और निर्बाध रूप से चलेगा।
बिहार में रेलवे सुरक्षा को लेकर यह कदम राज्य के लिए एक सकारात्मक संदेश है। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस नई व्यवस्था से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि रेलवे संचालन में गुणवत्ता और दक्षता भी बढ़ेगी। भविष्य में इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
कुल मिलाकर यह स्पष्ट है कि बिहार में रेलवे ट्रैक की निगरानी और रखवाली के लिए रेलवे ने ठोस कदम उठाए हैं। 14 विभागों के अधिकारियों के नियमित निरीक्षण से सुरक्षा मानकों में सुधार होगा, और किसी भी प्रकार की संचालन चूक को समय रहते दूर किया जा सकेगा। यात्रियों की सुरक्षा और रेल संचालन की सुचारुता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण और समय की मांग के अनुसार है।