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14-Nov-2025 08:02 AM
By First Bihar
Bihar Election Counting 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी जंग आज अंतिम दौर में प्रवेश कर चुकी है। राज्यभर में फैले मतदान केंद्रों पर मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, अधिकारियों की भारी तैनाती और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग की गाइडलाइनों के बीच, आज का दिन यह तय करेगा कि अगले पांच साल बिहार की सत्ता पर किसकी पकड़ मजबूत होगी।
सबसे पहले दिन की शुरुआत पोस्टल बैलेट की गिनती से हुई। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सुबह 8 बजे पोस्टल बैलेट खोले गए, जिसके करीब आधे घंटे बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की परतें खुलनी शुरू हुईं। दोपहर तक नतीजों की तस्वीर साफ होने की संभावना जताई जा रही है। आयोग के मुताबिक, सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम चरणबद्ध तरीके से घोषित किए जाएंगे, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न पैदा हो।
राज्य के 46 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के तीन-स्तरीय घेरे बनाए गए हैं। सबसे बाहरी घेरे में केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं, बीच के घेरे में बिहार सैन्य पुलिस तैनात है और भीतर के घेरे में जिला पुलिस बल मौजूद है। मतगणना स्थल पर किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, कैलकुलेटर और वीडियो कैमरा ले जाने पर रोक लगा दी गई है। हर काउंटर पर माइक्रो ऑब्जर्वर, मतगणना सुपरवाइजर और सहायक मौजूद हैं, जो प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
हर मतगणना हॉल में 15 टेबल लगाए गए हैं, जिनमें से 14 टेबल पर ईवीएम की गिनती की जा रही है। एक टेबल सहायक निर्वाची अधिकारी की निगरानी में विशेष कार्यों के लिए निर्धारित है। इसके अलावा पोस्टल बैलट की गिनती के लिए अलग टेबल भी लगाया गया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतगणना पूरी तरह से निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी वातावरण में पूरी की जाएगी। राज्य भर में 243 मतगणना प्रेक्षक तैनात किए गए हैं, जो अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में मतगणना की निगरानी कर रहे हैं।
मतगणना के दिन भीड़-प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। विभिन्न केंद्रों पर हजारों की संख्या में चुनाव कर्मी, प्रत्याशी, उनके प्रतिनिधि और सुरक्षा बल मौजूद हैं। ऐसे में यातायात नियंत्रण, बिजली आपूर्ति, अग्निशमन व्यवस्था, चिकित्सीय सुविधाओं और स्वच्छता पर बेहद सख्ती से ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष बैरिकेडिंग की व्यवस्था कर रखी है, ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके।
वहीं पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर सुरक्षा को और भी सख्त कर दिया गया है। मतदान परिणामों को देखते हुए आवास के चारों ओर BMP-1 की गोरखा बटालियन को अतिरिक्त रूप से तैनात किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह तैनाती पूरी तरह एहतियातन है, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा घेरा मजबूत रहे। मुख्यमंत्री आवास के आसपास निगरानी तेज कर दी गई है और सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
निर्वाचन आयोग ने मतगणना से पहले सभी उम्मीदवारों को तिथि, समय और स्थान की आधिकारिक जानकारी प्रदान कर दी थी, जो कि निर्वाचन नियम 1961 के तहत अनिवार्य है। आयोग ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मतगणना प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी या अनियमितता की कोई गुंजाइश न रहे।
जैसे-जैसे समय बीत रहा है, राज्य के विभिन्न मतगणना केंद्रों से शुरुआती रुझान आने की उम्मीद है। सभी राजनीतिक दलों और उनके समर्थकों की नजरें इन रुझानों पर टिकी हुई हैं, क्योंकि आरंभिक चरण ही चुनाव की दिशा और दशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। सुरक्षा, सख्ती और पारदर्शिता के माहौल में आज का पूरा दिन बिहार की राजनीति के भविष्य की नई कहानी लिखने वाला है। शाम तक यह तय हो जाएगा कि जनता ने अपने प्रति प्रतिनिधित्व का दायित्व किसे सौंपने का फैसला किया है।