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Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान, राजद की साख और एनडीए की परीक्षा; सबसे ज्यादा इस पार्टी के उम्मीदवार मैदान में

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। छह नवंबर को पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया, जबकि अब 11 नवंबर को दूसरे और अंतिम चरण में 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस चरण में राजद की प्रतिष्ठा दांव पर है, क्योंकि उसके सबसे अधिक 70 उम

Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान, राजद की साख और एनडीए की परीक्षा; सबसे ज्यादा इस पार्टी के उम्मीदवार मैदान में

09-Nov-2025 11:05 AM

By First Bihar

Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। छह नवंबर को पहले चरण के तहत 121 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है, जबकि अब सभी की निगाहें 11 नवंबर को होने वाले दूसरे और अंतिम चरण के मतदान पर टिकी हैं। इस चरण में कुल 122 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग ने इस चरण की तैयारियां पूरी कर ली हैं और सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार के अंतिम चरण में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। नौ नवंबर की शाम प्रचार थम जाएगा, जिसके बाद मतदाता चुपचाप अपने फैसले की तैयारी में जुट जाएंगे।


इस चरण को खासतौर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस दौर में पार्टी की सबसे बड़ी साख दांव पर लगी है। महागठबंधन के सबसे प्रमुख घटक दल के रूप में राजद इस बार 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से पहले चरण में इसके 73 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि दूसरे चरण में 70 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद होगा। यह चरण पार्टी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जिन क्षेत्रों में मतदान होना है, वहां परंपरागत रूप से राजद का प्रभाव रहा है। अगर इन सीटों पर पार्टी उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन करती है तो सत्ता की राह काफी आसान हो सकती है।


दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी इस चरण में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। इस चरण में बीजेपी के 53 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि पहले चरण में 48 सीटों पर पार्टी की किस्मत का फैसला हो चुका है। पार्टी ने इस बार अपने विकास के एजेंडे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को केंद्र में रखकर प्रचार किया है। बीजेपी को उम्मीद है कि पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी मतदाता उसके पक्ष में मतदान करेंगे।


एनडीए के दूसरे प्रमुख घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के 44 उम्मीदवार दूसरे चरण में चुनावी मैदान में हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार सभाएं कर अपनी सरकार के कामों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखा है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि विकास की रफ्तार को जारी रखने के लिए एनडीए को एक बार फिर मौका दिया जाए। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 29 में से 15 उम्मीदवार इस चरण में किस्मत आजमा रहे हैं। चिराग पासवान की पार्टी सीमित सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है, लेकिन उसके उम्मीदवारों का प्रदर्शन कई सीटों पर मुकाबले को दिलचस्प बना सकता है।


राष्ट्रीय लोक मोर्चा के चार उम्मीदवार भी इस चरण में मैदान में हैं। पहले चरण में इसके दो उम्मीदवार चुनाव लड़ चुके हैं। छोटे दलों में यह पार्टी इस बार कुछ क्षेत्रों में प्रभाव दिखाने की कोशिश कर रही है। महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के भी 37 उम्मीदवार इस चरण में किस्मत आजमा रहे हैं। पहले चरण में कांग्रेस के 24 उम्मीदवार मैदान में थे। पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों के जरिये वोटरों को लुभाने का प्रयास किया है।


विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के भी 10 उम्मीदवार इस चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। यह पार्टी एनडीए का हिस्सा है और नीतीश कुमार की जदयू के साथ तालमेल में चुनाव लड़ रही है। पार्टी को उम्मीद है कि मल्लाह और अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता उसकी ताकत को बढ़ाएंगे।


दूसरे चरण के चुनाव में कुल 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में बंपर वोटिंग के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि दूसरे चरण में भी मतदान प्रतिशत और बढ़ेगा। पहले चरण में 65.08% वोटिंग हुई थी, जिसमें महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कहीं अधिक रही। आयोग ने इस बार भी महिलाओं और युवाओं से अधिकाधिक मतदान की अपील की है।


दूसरे चरण में जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें पटना, गया, जहानाबाद, नवादा, नालंदा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, सारण, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, कैमूर, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और शिवहर जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। इन इलाकों में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है।


चुनाव आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी व्यापक इंतजाम किए हैं। संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। मतदाताओं को निर्भीक होकर मतदान करने का माहौल देने के लिए ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी।


अब सबकी निगाहें 11 नवंबर पर टिकी हैं, जब बिहार की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी और तय करेगी कि राज्य की बागडोर किसके हाथों में जाएगी। 14 नवंबर को मतगणना होगी और उसी दिन यह साफ हो जाएगा कि बिहार की जनता ने किस पर भरोसा जताया है — एनडीए के विकास मॉडल पर या महागठबंधन के बदलाव के वादों पर।