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08-Nov-2025 07:44 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहले चरण की वोटिंग ने नया इतिहास रच दिया है। मतदाताओं के अभूतपूर्व उत्साह ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस बार करीब 65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो बिहार की चुनावी राजनीति में एक ऐतिहासिक आंकड़ा है। बूथों पर लंबी कतारों ने यह साबित किया कि जनता इस बार बदलाव या भरोसे के नए संदेश के साथ निकली है।
इस चुनाव में सबसे अहम मुद्दे रोजगार और पलायन रहे। सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ने इसे अपने घोषणापत्र और चुनावी रैलियों में प्रमुखता से उठाया। प्रवासी मजदूरों का अपने गृह जिले में लौटकर मतदान करना इस बात का संकेत है कि यह चुनाव जनता के मन में गहराई से जुड़ा है। महिलाओं की भारी भागीदारी ने मतदान को नई ऊंचाई दी छठ और दीपावली के बीच घर आई प्रवासी महिलाएं भी वोट डालने के लिए रुकीं।
इस बार का उच्च मतदान जनता के लोकतंत्र में बढ़ते विश्वास का प्रतीक है। समाजशास्त्री डॉ. डीएम दिवाकर ने कहा कि यह बढ़ा हुआ मतदान बदलाव की चाह को दर्शाता है। खासकर शहरी इलाकों, जैसे पटना में भी मतदान प्रतिशत में भारी वृद्धि हुई है, जो परंपरागत रूप से कम भागीदारी के लिए जाने जाते थे।
जदयू और भाजपा का कहना है कि भारी मतदान जनता के भरोसे का प्रतीक है। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि माताओं और बहनों ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर शांति, सुरक्षा और सुशासन के लिए मतदान किया है। नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए जनता उत्साहित है। वहीं, भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि “लोगों ने विकास कार्यों, सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं पर वोट किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर जनता को भरोसा है।”
तेजस्वी यादव ने कहा कि “बिहार ने इस बार परिवर्तन के लिए मतदान किया है। युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने 20 वर्षों की निराशा को खत्म करने के लिए बदलाव की रोशनी जलाई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने भी कहा कि “रिकॉर्ड मतदान जनता की नाराजगी और सत्ता परिवर्तन का संकेत है। युवाओं ने रोजगार और पलायन के मुद्दे पर महागठबंधन को वोट दिया है।”
जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) ने पहले चरण के बंपर मतदान को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि “इतनी वोटिंग सरकार बनाए रखने के लिए नहीं होती, बल्कि बदलाव के लिए होती है। 14 नवंबर की मतगणना का दिन बिहार के इतिहास में नया अध्याय लिखेगा।” उन्होंने दावा किया कि जनसुराज ने रोजगार और पलायन का मुद्दा सबसे पहले उठाया था और जनता अब नए विकल्प को लेकर उत्साहित है।
पहले चरण की भारी वोटिंग के बाद चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में भी अधिक मतदान की उम्मीद जताई है। आयोग का कहना है कि मतदान केंद्रों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था और मतदाता सुविधा ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई। साथ ही, मतदाता जागरूकता अभियान (SVEEP) के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में भागीदारी बढ़ी है।
ऐसे में यह माना जा रहा है कि बढ़ा हुआ मतदान सत्ता की वापसी का संकेत है या सत्ता परिवर्तन का। कुछ विश्लेषक इसे एनडीए के सुशासन पर जनता के भरोसे का नतीजा मानते हैं, जबकि अन्य इसे महागठबंधन के पक्ष में जन-लहर के रूप में देख रहे हैं। जनसुराज के बढ़ते प्रभाव और युवाओं की सक्रिय भागीदारी से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण ने स्पष्ट कर दिया है कि जनता अब केवल वादों पर नहीं, बल्कि काम और परिणामों पर वोट दे रही है। चाहे यह विश्वास की जीत हो या बदलाव की लहर — इसका फैसला अब मतगणना वाले दिन ही होगा।