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18-Oct-2025 12:09 PM
By First Bihar
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नज़दीक आते-आते राजनीतिक तापमान चरम पर पहुँच गया है और अब इस चुनावी समर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एंट्री इसे नए आयाम पर ले जाने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से लेकर नवंबर की शुरुआत तक पूरे बिहार में कई रैलियों को संबोधित करेंगे। इन रैलियों का उद्देश्य केवल जनता से संवाद करना ही नहीं, बल्कि पूरे चुनावी समीकरण को भी प्रभावित करना है। बीजेपी और एनडीए इसे लेकर आशान्वित हैं कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता मतदाताओं के मूड पर गहरा असर डालेगी और पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भर देगा।
प्रधानमंत्री की पहली रैली 23 अक्टूबर को सासाराम, गया और भागलपुर में होगी। ये क्षेत्र बीजेपी और एनडीए की मजबूत पकड़ वाले माने जाते हैं। हालांकि, विपक्ष भी हर सीट पर दमखम दिखाने की तैयारी में जुटा है। मोदी की मौजूदगी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के साथ-साथ मतदाताओं में नई ऊर्जा पैदा करेगी। उनके भाषण विकास, रोजगार और भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसे मुद्दों पर केंद्रित होंगे, जो युवाओं और किसानों के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
इसके बाद 28 अक्टूबर को दरभंगा, मुज़फ़्फ़रपुर और पटना में रैलियों का आयोजन होगा। दरभंगा-मुज़फ़्फ़रपुर मिथिलांचल के प्रमुख जिले हैं और पटना राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है। मोदी के भाषण न केवल जनता से जुड़ने का जरिया होंगे, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी देंगे कि बीजेपी इस बार जीत के लिए पूरी तरह तैयार है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस चरण में एनडीए के लिए यह रैलियां निर्णायक साबित हो सकती हैं।
1 नवंबर को पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर और छपरा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण होंगे। इन इलाकों में सामाजिक समीकरण और स्थानीय मुद्दे चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। मोदी की रैलियों में विकास, रोजगार, किसानों और युवाओं के मुद्दों पर जोर देने की उम्मीद है। ये रैलियां ग्रामीण और शहरी मतदाताओं पर एक समान प्रभाव डाल सकती हैं।
अंत में 3 नवंबर को पश्चिमी चम्पारण, अररिया और सहरसा में रैलियों के साथ अभियान का समापन होगा। ये क्षेत्र चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं और यहां मोदी की मौजूदगी भारी जनसैलाब खींच सकती है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इन रैलियों का असर विधानसभा चुनाव के अंतिम परिणामों पर सीधे दिखाई देगा।
प्रधानमंत्री मोदी की ये रैलियां सिर्फ राजनीतिक सभा नहीं हैं, बल्कि जनता के साथ संवाद का सशक्त मंच हैं। एनडीए को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और उनके संदेश का असर मतदाताओं के फैसले में झलकेगा। चुनावी रणनीति के जानकारों का मानना है कि मोदी की इन रैलियों से पार्टी को चुनावी पासा अपने पक्ष में पलटने में मदद मिलेगी। हर रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह और मतदाताओं की भागीदारी चुनावी माहौल को और गरमाएगी।
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों का प्रभाव शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक महसूस किया जाएगा। बीजेपी और एनडीए इस उम्मीद में हैं कि मोदी की मौजूदगी उनके लिए निर्णायक साबित होगी और सत्ता को मजबूत करने में मदद करेगी। ये रैलियां सिर्फ चुनावी सभा नहीं, बल्कि जनता के दिलों और दिमाग़ तक संदेश पहुँचाने का मंच हैं, जो बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को इस चुनाव में पूरी तरह बदल सकती हैं।