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09-Nov-2025 08:08 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने अंतिम चरण में है और रविवार को चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। इस बार के चुनाव में शीर्ष नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने के लिए रिकॉर्ड संख्या में जनसभाएं की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार बिहार में 2020 के मुकाबले अधिक समय और ऊर्जा खर्च की। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री चार बार बिहार आए और 12 सभाएं की थीं, जबकि 2025 में उन्होंने सात बार बिहार का दौरा किया और 14 जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने 24 अक्टूबर को जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपनी सभाओं की शुरुआत की। अंतिम दिन प्रधानमंत्री ने सीतामढ़ी और बेतिया में सभाएं कीं। इसके अलावा बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, छपरा, सहरसा, कटिहार, आरा, नवादा, भागलपुर, अररिया, औरंगाबाद और भभुआ में भी उनकी सभाएं आयोजित हुईं।
इस चुनाव में प्रधानमंत्री ने हर दिन दो सभाओं को संबोधित किया, जबकि 2020 में अधिकांश दिनों में केवल एक सभा हुई थी। उनके प्रचार अभियान ने मतदाताओं पर गहरा प्रभाव डालने की कोशिश की। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार तक कुल 67 जनसभाओं को संबोधित किया और साथ ही कई रोड शो भी किए। मुख्यमंत्री ने नौ सभाएं सड़क मार्ग से जाकर कीं, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाई।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी सभा की शुरुआत 17 अक्टूबर को छपरा के तरैयां से की थी और अब तक कुल 33 सभाएं की हैं। इसके साथ उन्होंने रोड शो भी किए हैं, ताकि मतदाताओं तक प्रत्यक्ष संपर्क बढ़ाया जा सके। लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने शनिवार तक 85 जनसभाएं की हैं।
इस चुनाव में सबसे अधिक 155 सभाओं के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सबसे सक्रिय चुनाव प्रचार किया। उनके कार्यक्रमों ने राज्य के कई जिलों में युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित किया। उनके मुकाबले अन्य प्रमुख नेताओं की सभाओं की संख्या इस प्रकार रही:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: 14
कांग्रेस नेता राहुल गांधी: 14
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार: 67
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: 21
गृह मंत्री अमित शाह: 33
जेपी नड्डा: 15
प्रियंका गांधी: 13
मल्लिकार्जुन खरगे: 4
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी इस चुनाव में पर्याप्त समय दिया। राहुल गांधी ने 14 सभाएं कीं, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चार और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने 13 सभाओं को संबोधित किया। नेताओं द्वारा आयोजित इन सभाओं ने मतदाताओं तक संदेश पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रचार के अंतिम दिन सभी प्रमुख नेताओं की सभाएं राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होंगी। इन नेताओं की मेहनत और प्रचार का प्रभाव मतदाताओं के फैसले में कितना दिखाई देगा, इसका खुलासा 14 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही होगा।
इस चुनावी दौड़ ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार के मतदाता इस बार नेताओं के व्यक्तिगत संपर्क, जनसभाओं और रोड शो को गंभीरता से देख रहे हैं। प्रचार के इस अंतिम चरण में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य शीर्ष नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, जिससे यह चुनाव अब और भी रोचक और प्रतिस्पर्धात्मक बन गया है।