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Bihar Election News : BJP में कैंडिडेट चयन को लेकर आया यह फार्मूला, 33% पुराने कैंडिडेट का नाम कटा; जानिए क्या रही वजह

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर दिया है। BJP और JDU 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि सहयोगी दलों को भी हिस्सेदारी मिली है। भाजपा ने 33% उम्मीदवारों को दोबारा टिकट दिया है।

Bihar Election News : BJP में कैंडिडेट चयन को लेकर आया यह फार्मूला,  33% पुराने कैंडिडेट का नाम कटा; जानिए क्या रही वजह

15-Oct-2025 05:21 PM

By First Bihar

Bihar Election News : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक माहौल तेजी से गरमाया हुआ है। इस बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आखिरकार अपने सीट बंटवारे का फॉर्मूला साफ कर दिया है। पिछले कई वर्षों से एनडीए में “बड़े भाई-छोटे भाई” का फार्मूला देखा जाता रहा है, लेकिन इस बार गठबंधन ने इसे समाप्त कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) दोनों ही दल बराबर हिस्सेदारी के साथ चुनाव लड़ेंगे। दोनों पार्टियों ने 101-101 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।


साथ ही, सहयोगी दलों को भी उनके हिस्से की सीटें प्रदान की गई हैं। लोजपा (रामविलास) को कुल 29 सीटें दी गई हैं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 6 सीटें मिली हैं, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLP) को भी 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का अवसर दिया गया है। इस तरह एनडीए का पूरा चुनावी खाका तैयार हो गया है।


सीट बंटवारे के बाद अब भाजपा की ओर से उम्मीदवारों के नामों का भी एलान कर दिया गया है। भाजपा नेतृत्व ने इस बार यह रणनीति बनाई है कि लगभग 33% उम्मीदवारों को दोबारा टिकट नहीं दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, तो उनमें से लगभग 15 सीटों पर नए उम्मीदवार होंगे और बाकी पुराने उम्मीदवार फिर से मैदान में उतरेंगे। यह कदम संगठन में स्थिरता बनाए रखने और पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।


भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यह भी माना गया कि शहरी क्षेत्रों में उम्मीदवारों को लेकर कुछ हल्की नाराजगी है। हालांकि, पार्टी का मानना है कि जनता का रुझान अभी भी सकारात्मक है। इसलिए उम्मीदवारों को बदलने से हिचकना नहीं चाहिए। यदि प्रचार-प्रसार और संवाद मजबूत रखा जाए, तो नए उम्मीदवार भी अपनी सीटें आसानी से जीत सकते हैं।


इस बार दूसरी लिस्ट में कुछ बड़े बदलाव भी किए गए हैं। खासकर बाढ़, छपरा, गोपालगंज, बक्सर और अलीनगर जैसी सीटों पर नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। इससे पहले जब पहली लिस्ट जारी की गई थी, तो 10 से अधिक पुराने विधायकों के नाम काट दिए गए थे। यह संकेत है कि पार्टी पुराने और नए नेताओं के बीच संतुलन बनाए रखते हुए चुनावी रणनीति पर काम कर रही है।


एनडीए ने इस बार अपनी एकजुटता को भी प्रमुख रखा है। सीट बंटवारे के इस फॉर्मूले से यह साफ हो गया है कि गठबंधन चुनाव में एकजुट होकर उतरेगा। वहीं, महागठबंधन के खेमे में भी सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। सभी दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।


इस बार चुनाव की तस्वीर काफी हद तक एनडीए के पक्ष में लग रही है। BJP और JDU दोनों ही प्रमुख दलों ने पुराने और नए उम्मीदवारों के संतुलन से चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति बनाई है। इसका मकसद सिर्फ जीत हासिल करना नहीं, बल्कि पार्टी संगठन को मजबूत करना और कार्यकर्ताओं में जोश बनाए रखना भी है।


कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तस्वीर अब लगभग साफ हो गई है। एनडीए ने सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की रणनीति के साथ चुनावी मोर्चा तैयार कर लिया है। अब देखना यह है कि गठबंधन की यह रणनीति जनता के बीच कितनी कारगर साबित होती है और बिहार के मतदाता इस बार किस तरह के संदेश के साथ मतदान करते हैं।