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07-Nov-2025 10:16 AM
By First Bihar
Bihar Election Voting: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में मतदान के दौरान महिला मतदाताओं ने पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक बढ़-चढ़ कर भाग लिया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के कई मतदान केंद्रों पर महिलाओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। नयी-नवेली दुल्हनों का श्रृंगार, बहुरानियों के घूंघट और पर्दानशीन महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने मतदान केंद्रों का दृश्य पूरी तरह से जीवंत बना दिया। महिलाओं ने घर की जिम्मेदारियों को पीछे रखकर लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित की और इस प्रक्रिया में उन्हें आत्मगौरव महसूस हुआ।
कई बूथों पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही। उदाहरण के लिए, ग्राम पंचायत ब्रह्मपुर के बूथ संख्या 294 और 295 पर कतारों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक थी। कई जगहों पर सास-बहू एक साथ वोट डालने के लिए आईं। इसके अलावा, महिला कर्मियों ने मतदान कार्य संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई। परिजनों से मिले प्रोत्साहन और आत्मविश्वास के साथ महिलाओं ने मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार महिला मतदाताओं की संख्या में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। पहली वजह है सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का प्रभाव, जैसे कि जीविका योजना, जिसमें ग्रामीण महिलाओं को समूह बनाकर रोजगार और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम, पंचायतों और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को मतदान के महत्व के प्रति जागरूक किया गया। तीसरी वजह राजनीतिक पार्टियों का महिला मतदाताओं पर फोकस है। विभिन्न पार्टियों ने महिलाओं के लिए विशेष घोषणाएं और योजनाएं पेश कर उनका समर्थन आकर्षित करने की कोशिश की।
बीते दस वर्षों के डेटा को देखें तो महिला मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी लगातार बढ़ती रही है। 2010 में महिलाओं की मतदान दर 54.49 प्रतिशत थी, 2015 में बढ़कर 60.54 प्रतिशत, और 2020 में यह 59.68 प्रतिशत रही। इस बार भी महिला वोटिंग प्रतिशत को चुनावी विश्लेषक महत्वपूर्ण फैक्टर मान रहे हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में कुल मतदान प्रतिशत 64.64 प्रतिशत रहा। मतदान के दौरान 165 बैलेट यूनिट, 169 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट बदले गए। इस बार केवल 1.21 प्रतिशत बैलेट यूनिट बदलनी पड़ी, जो 2020 के मुकाबले कम है। यह दिखाता है कि इस बार मतदान प्रक्रिया अधिक सुचारू और व्यवस्थित रही।
महिला मतदाताओं की बढ़ी संख्या ने चुनावी परिणाम और राजनीतिक रणनीतियों को भी प्रभावित किया। राजनीतिक दल अब महिला मतदाताओं को केंद्र में रखकर अगले चरण की तैयारी कर रहे हैं। इस बढ़ी हुई भागीदारी से स्पष्ट होता है कि बिहार में महिलाओं की राजनीतिक समझ और सक्रियता दिन-ब-दिन मजबूत हो रही है।