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08-Nov-2025 09:55 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग का फाइनल डेटा सामने आ गया है। चुनाव आयोग ने बताया है कि 6 नवंबर को हुए पहले फेज के मतदान में कुल 65.8 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यह अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है, जिसने बिहार में पिछले 75 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पहले यह आंकड़ा 64.66 प्रतिशत बताया गया था, लेकिन अब आयोग के फाइनल डेटा में यह बढ़कर 65.8 प्रतिशत हो गया है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पहले जारी किया गया डेटा अनंतिम (provisional) था, जो 6 नवंबर की शाम तक प्राप्त सूचनाओं पर आधारित था। उस समय कुल 45,341 मतदान केंद्रों में से 41,943 केंद्रों से ही रिपोर्ट मिली थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने पहले ही कहा था कि अंतिम आंकड़े में थोड़ा बहुत बदलाव संभव है क्योंकि कुछ केंद्रों से आंकड़े आने बाकी थे। अब जब सभी केंद्रों से पूरी रिपोर्ट आ गई है, तो कुल मतदान प्रतिशत बढ़कर 65.8% हो गया है।
सीईओ गुंजियाल ने बताया कि 6 नवंबर को राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। इनमें कुल 3.75 करोड़ मतदाता शामिल थे, जिन्होंने लोकतंत्र के इस महापर्व में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष माहौल में पूरी हुई। कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनाओं की सूचना मिली, लेकिन किसी बड़े व्यवधान या हिंसा की खबर नहीं आई।
सुबह से ही बिहार के विभिन्न इलाकों में मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। युवा, महिलाएं और बुजुर्ग – सभी वर्गों के लोगों ने भारी संख्या में मतदान केंद्रों का रुख किया। खास बात यह रही कि इस बार महिला मतदाताओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर, बल्कि कई जगहों पर उससे भी अधिक रही। इससे साफ है कि बिहार के लोगों में इस चुनाव को लेकर गजब का जोश और जागरूकता देखने को मिली।
चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार बिहार ने मतदान के मामले में नया इतिहास रचा है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जहां औसत मतदान 57.29 प्रतिशत रहा था, वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में यह घटकर 56.28 प्रतिशत तक आ गया था। लेकिन 2025 के पहले चरण में 65.8% मतदान के साथ बिहार ने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। यह आंकड़ा पिछले सात दशकों में सबसे अधिक है, जो राज्य के लोकतांत्रिक माहौल और मतदाता जागरूकता की गवाही देता है।
मतदान के बाद राजनीतिक दलों ने भी इस उच्च मतदान प्रतिशत पर प्रतिक्रिया दी। सत्तारूढ़ दलों ने इसे सरकार की जनस्वीकृति बताया, तो विपक्षी दलों ने इसे परिवर्तन की लहर करार दिया। हालांकि, अंतिम फैसला तो 14 नवंबर 2025 को आएगा, जब मतगणना होगी और परिणाम घोषित किए जाएंगे।
पहले चरण में सबसे अधिक मतदान मुजफ्फरपुर जिले में हुआ, जहां लोगों ने भारी संख्या में वोट डाले। कई ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने रिकॉर्ड तोड़ मतदान किया। वहीं, शहरी क्षेत्रों में भी अपेक्षाकृत बेहतर मतदान देखने को मिला। कुछ जिलों में मतदान केंद्रों पर तकनीकी गड़बड़ियों की सूचना मिली थी, लेकिन चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई कर मतदान प्रक्रिया को बाधित नहीं होने दिया।
चुनाव आयोग ने बताया कि ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। मतदान समाप्त होने के बाद सभी मशीनों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पर्यवेक्षकों और चुनाव अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया की निगरानी की ताकि चुनाव पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रहे। अब सभी की निगाहें दूसरे चरण के मतदान पर टिकी हैं, जो 11 नवंबर 2025 को होगा। दूसरे चरण में भी मतदाताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी की उम्मीद जताई जा रही है।
बिहार में इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि जनता के बढ़ते राजनीतिक जागरूकता का प्रतीक बन गया है। फाइनल आंकड़ों से यह साफ है कि मतदाता अब पहले से कहीं अधिक सक्रिय और सजग हैं। बिहार की जनता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि लोकतंत्र में उनकी आस्था अटूट है।
इस तरह, पहले चरण की वोटिंग में 65.8% मतदान के साथ बिहार ने न केवल नया रिकॉर्ड बनाया है, बल्कि देश के बाकी राज्यों के लिए भी एक मिसाल कायम की है। अब देखना यह है कि यह ऐतिहासिक मतदान प्रतिशत किसके पक्ष में जाता है और बिहार की सत्ता की डगर किस दिशा में मुड़ती है। नतीजों का इंतजार पूरे देश को रहेगा।